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Heavy Rain Alert: भारी बारिश का खतरा मंडराया: 16 और 17 जुलाई को आफत की बारिश का अलर्ट, प्रशासन सतर्क

Heavy Rain: मानसूनी अवदाब के कारण मौसम में हलचल तेज हो गई है। बंगाल की खाड़ी में बना निम्नदाब पूर्वी उत्तर प्रदेश (विशेषकर लखनऊ क्षेत्र) की ओर बढ़ रहा है, जिससे 16-17 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है ।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jul 15, 2025

16-17 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी फोटो सोर्स : Patrika

16-17 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी फोटो सोर्स : Patrika

Heavy Rainfall UP Alert: उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में भारी बारिश का खतरा मंडराने लगा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी भागों के लिए 16 और 17 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से यह बारिश संभावित बताई जा रही है, जो अब घनीभूत होकर मानसून अवदाब (Depression) का रूप ले चुका है।

इस डिप्रेशन के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसूनी गतिविधियों में तीव्रता आएगी, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी वर्षा की तीव्रता 16 जुलाई से बढ़ेगी। मौसम विभाग के अनुसार 17 जुलाई को पूर्वांचल में 1-2 स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका है।

क्यों बन रही है भारी बारिश की स्थिति

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र अब एक अवदाब में बदल गया है। यह प्रणाली दक्षिण-पूर्वी पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश के क्षेत्र में केंद्रित है और उत्तर प्रदेश की ओर अग्रसर है। इसके प्रभाव से प्रदेश के अधिकांश जिलों में वर्षा का सिलसिला बढ़ेगा। लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आजमगढ़, बलिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, देवरिया, और आसपास के जिलों में वर्षा की तीव्रता अधिक होने की संभावना है। राजधानी लखनऊ में 16 जुलाई से मध्यम से भारी बारिश का सिलसिला शुरू होगा, जो 17 को चरम पर पहुंच सकता है।

मौसम स्थिति प्रभाव/चेतावनी

  • 15 जुलाई हल्की बारिश और बादल छाए रहेंगे सामान्य जनजीवन, सड़कों पर फिसलन
  • 16 जुलाई भारी बारिश की शुरुआत जलभराव, ट्रैफिक जाम, बिजली गिरने की संभावना
  • 17 जुलाई पूर्वांचल में बहुत भारी वर्षा नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, बाढ़ का खतरा
  • 18 जुलाई मध्यम बारिश राहत की शुरुआत, लेकिन सतर्कता जरूरी
  • 19–21 जुलाई छिटपुट बारिश सामान्य मानसूनी गतिविधियां

 प्रशासन और आम जनता को चेतावनी

मौसम विभाग ने ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है और स्थानीय प्रशासन को चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारियों और नगर निकायों को जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने भी सक्रियता बढ़ा दी है और संवेदनशील क्षेत्रों में बचाव टीमों की तैनाती की जा रही है। बिजली, जल निगम और नगर निगम को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।

किन क्षेत्रों में सर्वाधिक असर पड़ सकता है

  • निचले इलाके जैसे नदी किनारे के मोहल्ले, जल निकासी की खराब स्थिति वाले कस्बे और ग्रामीण क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
  • शहरी क्षेत्र, विशेषकर पुराने मोहल्लों में जल निकासी की समस्या के चलते ट्रैफिक जाम, मकानों में पानी भरने की संभावना।
  • कृषि क्षेत्र में खेतों में पानी भरने से धान की नर्सरी और खरीफ की फसलों को नुकसान हो सकता है।

जनता के लिए जरूरी सावधानियां

  • अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, विशेषकर बारिश के चरम समय में।
  • जलभराव वाले इलाकों से बचें, वहां बिजली के खंभों और खुले तारों से दूर रहें।
  • स्कूल प्रबंधन और कॉलेजों को बारिश के समय बच्चों की सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने चाहिए।
  • आवश्यक दवाएं, टॉर्च, बैटरी, पीने का पानी और सूखा भोजन पहले से तैयार रखें।

किसानों के लिए सुझाव

  • खेतों की मेड़ें मजबूत करें ताकि पानी का बहाव फसलों को नुकसान न पहुंचाए।
  • सिंचाई पर रोक लगाएं, क्योंकि बारिश से पर्याप्त नमी मिल जाएगी।
  • बीज या खाद खुले में न रखें, उन्हें सुरक्षित स्थानों में जमा करें।

लखनऊ सहित पूर्वांचल के लिए विशेष चेतावनी

राजधानी लखनऊ में छिटपुट बारिश पहले से हो रही है, लेकिन 16 जुलाई से इसकी तीव्रता में वृद्धि होगी। मौसम विभाग का कहना है कि 20 जुलाई तक बारिश की गतिविधियां लगातार बनी रहेगी, हालांकि तीव्रता में उतार-चढ़ाव रहेगा। लखनऊ प्रशासन ने नगर निगम को निर्देश दिया है कि नालियों की सफाई और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर और इमरजेंसी टीमों को तैनात रखें।

तात्कालिक मौसम चेतावनी (Nowcast Warning)

IMD के अनुसार यह अलर्ट अगले तीन घंटे के लिए वैध है। जब भी किसी महत्वपूर्ण मौसम की स्थिति बनती है, तो यह चेतावनी NEAR REAL TIME में जारी की जाती है और फिर हर तीन घंटे बाद अद्यतन की जाती है।

अलर्ट का प्रभाव 

  • रेल सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, ट्रेनों में देरी की आशंका।
  • सड़क परिवहन में बाधा, खासकर राष्ट्रीय राजमार्गों और शहर की मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक बाधित हो सकता है।
  • शैक्षणिक संस्थान, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल बंद रखने का निर्णय स्थानीय प्रशासन ले सकता है।