
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी (फोटो सोर्स :Patrika/ Ritesh Singh)
Rain Alert UP: उत्तर प्रदेश में मानसून का कहर जारी है। वाराणसी के बाबतपुर में बीते 24 घंटे में 161.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो अगस्त महीने में पिछले 38 वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी बारिश है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में पूर्वी, मध्य और पश्चिमी यूपी के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज सुबह 8:30 बजे तक दर्ज हुई 161.8 मिमी वर्षा बाबतपुर के वर्ष 1952 से अब तक के प्रेक्षण इतिहास में अगस्त की दूसरी सबसे बड़ी बारिश है। इससे पहले वर्ष 1987 में यहां 165 मिमी और 2008 में 233.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। अगस्त में वाराणसी की सबसे बड़ी बारिश वर्ष 1940 में हुई थी जब बीएचयू स्टेशन पर 321.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। इतनी भारी वर्षा से वाराणसी और आसपास के इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई स्थानों पर जलभराव हो गया है और निचले इलाकों में लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है।
बंगाल की खाड़ी में बने नए निम्न दबाव क्षेत्र और मानसून की उत्तरी दिशा में सक्रियता के चलते पूरे उत्तर भारत में बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश हो सकती है। लखनऊ सहित पूर्वी और मध्य यूपी के जिलों में मूसलाधार बारिश का अनुमान है। पश्चिमी यूपी के जिलों में भी तेज बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार वर्षा से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे जलभराव और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जहां दक्षिण भारत में मानसून कमजोर रहेगा, वहीं उत्तर भारत, मध्य भारत, राजस्थान और गुजरात में बारिश का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा।
लगातार बारिश के कारण उत्तर प्रदेश की गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा समेत कई प्रमुख नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार 43 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। 2,505 गांवों में नौ लाख 29 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 1,44,945 हेक्टेयर कृषि भूमि डूब गई है। बाढ़ से 639 मकान क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से 606 प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया गया है। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि सरकार ने1,376 बाढ़ आश्रय स्थल स्थापित किए,91,105 लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया,राहत और बचाव कार्यों के लिए 3,273 नावें और मोटर बोट तैनात की गईं।
लखीमपुर खीरी, सीतापुर, पीलीभीत, बाराबंकी सहित अन्य जिलों में बाढ़ के हालात गंभीर हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश पर नदियों की सफाई और जल निकासी कार्य के कारण बाढ़ के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि इस बार की वर्षा सामान्य से कहीं अधिक है और इसका असर पूरे क्षेत्र पर दिखाई दे रहा है।
उत्तर प्रदेश में मानसून की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। वाराणसी की ऐतिहासिक बारिश के बाद अब पूरे प्रदेश में भारी वर्षा का खतरा मंडरा रहा है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ग्रस्त जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को सजग रहना होगा और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करना जरूरी है।
Published on:
24 Aug 2025 08:47 am
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