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Barbie: ऐसे हुई थी बार्बी डॉल की शुरुआत, बेहद दिलचस्प है इस पहली वयस्क गुड़िया की कहानी

बार्बी के पीछे की रुथ हैंडलर थी, जिसने 1945 में अपने पति के साथ मैटल इंक की सह-स्थापना की थी। बार्बी डॉल का स्वरूप एक जर्मन कॉमिक स्ट्रिप चरित्र पर आधारित लिली नाम की एक गुड़िया पर बनाया गया था। बाद में यही लिली गुड़िया अपने नये अवतार बार्बी के रूप में बाद में बच्चों के साथ बेहद लोकप्रिय हो गई। बार्बी डॉल को बनाने के पीछे रूथ को अपनी बेटी बारबरा से प्रेरणा मिली।

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Barbie: ऐसे हुई थी बार्बी डॉल की शुरुआत, बेहद दिलचस्प है इस पहली वयस्क गुड़िया की कहानी

Barbie: ऐसे हुई थी बार्बी डॉल की शुरुआत, बेहद दिलचस्प है इस पहली वयस्क गुड़िया की कहानी

Barbie: ग्यारह इंच लंबा, गोरा बालों के झरने के साथ, बार्बी वयस्क सुविधाओं के साथ संयुक्त राज्य में पहली बड़े पैमाने पर उत्पादित खिलौना गुड़िया थी। बार्बी के पीछे की रुथ हैंडलर थी, जिसने 1945 में अपने पति के साथ मैटल, इंक की सह-स्थापना की थी। बार्बी डॉल का स्वरूप एक जर्मन कॉमिक स्ट्रिप चरित्र पर आधारित लिली नाम की एक गुड़िया पर बनाया गया था। बाद में यही लिली गुड़िया अपने नये अवतार बार्बी के रूप में बाद में बच्चों के साथ बेहद लोकप्रिय हो गई। बार्बी डॉल को बनाने के पीछे रूथ को अपनी बेटी बारबरा से प्रेरणा मिली। 1955 में "मिकी माउस क्लब" टीवी कार्यक्रम के प्रायोजन के साथ, मैटल बच्चों के लिए विज्ञापनों का प्रसारण करने वाली पहली खिलौना कंपनी बन गई।

बार्बी डॉल बनने के पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है। बार्बी डॉल बनाने से पहले रूथ हैंडलर अपने पति इलियट हैंडलर के साथ गुड़िया घर के लिए फर्नीचर बनाती थीं। एक दिन उन्होंने देखा कि उनकी बेटी बारबरा और उनकी सहेलियां कार्ड बोर्ड की गुड़ियों से खेलते वक्त बड़ी खुश थीं व उस गुड़िया में अपने बड़े होने की छवि देख रही थीं। वे उस गुड़िया का ऐसे ध्यान रखती थीं, जैसे कि बड़े होने पर अपना ध्यान रखने वाली थीं। बारबरा और उसकी सहेलियां कार्ड बोर्ड की गुड़िया को बढ़िया से बढ़िया पोशाकें पहनातीं और उसका आकर्षक मेकअप करतीं।

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यह देखकर रुथ ने उन लड़कियों से पूछा कि क्या उन्हें इस तरह की गुड़िया बहुत पसंद है। तुरंत सभी लड़कियां बोलीं, ‘बहुत! काश ऐसी गुड़िया सचमुच की होती तो कितना अच्छा होता। फिर क्या था। रुथ ने अपनी बेटी और उसकी सहेलियों के सपनों को पूरा करने की ठान ली। उन्होंने जगह-जगह पर तरह-तरह की गुड़ियों को देखा और फिर स्वयं अपनी कल्पना अनुसार गुड़िया बनाने की सोची। हालांकि हैंडलर को जल्द ही पता चल गया कि उत्पादन की लागत अधिक होने के कारण उन्हें गुड़ियों को जापान में बनवाना होगा।

हैंडलर जापान गईं और अलग-अलग खिलौना उत्पादकों से कई सालों तक कई प्रयोग कराए। आखिरकार वे तीन डॉलर में एक गुड़िया बनाने में कामयाब हो गए। हालांकि गुड़िया को पोशाकों के साथ बनाना काफी महंगा था, लेकिन रुथ ने हार नहीं मानी। वयस्क गुड़िया बनाने के कारण उनकी आलोचना भी हुई, लेकिन वे बेपरवाह रहीं। गुड़िया का नाम अपनी बेटी बारबरा के नाम पर बार्बी रखा।

बाजार में आते ही बार्बी सुपरहिट रही और जल्द ही उनकी कंपनी मैटल अमेरिका के सबसे बड़े खिलौना उत्पादकों में से एक बन गई। पांच साल बाद ही मैटल की सालाना बिक्री 100 मिलियन डॉलर हो गई और इसे पहली बार ‘फॉर्च्यून 500’ में सूचीबद्ध किया गया।

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1961 तक, बार्बी गुड़िया के लिए भारी उपभोक्ता मांग को देखते हुए मैटल कंपनी ने बार्बी के लिए एक बॉयफ्रेंड भी बनाया। रूथ हैंडलर ने अपने बेटे के नाम पर उसे केन नाम दिया। 1963 में बार्बी का सबसे अच्छा दोस्त मिज निकला, उसकी छोटी बहन, स्किपर ने अगले वर्ष की शुरुआत की। इस तरह तमाम अटकलों के बावजूद रुथ की बार्बी ने तहलका मचा दिया।