
How Ants Fallen Sick And How Cure Themselves
जिस तरह इंसान बीमार होता है, उसी तरह जानवर भी बीमार होते हैं। तमाम तरह की संक्रमित बीमारियां हो जाती हैं। लेकिन इंसान और जानवर मात्र ऐसे प्राणी नहीं है जिनको संक्रमण की बीमारियां होती हैं। बल्कि संक्रामक बीमारियों का चींटियों (Ants) को भी सामना करना पड़ता है। चीटियां भी कई तरह की बीमारियों से जूझती हैं। खास बात ये है कि चीटियां बीमार होने के बाद अपना इलाज भी खुद से ही करती हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि विशेषज्ञों द्वारा की गई एक रिसर्च के मुताबिक ये तथ्य सामने आया।
दरअसल, चींटियां सामाजिक प्राणी हैं। वो बड़े समूह बनाकर रहती हैं, एक-दूसरे से लगातार बातचीत और एक दूसरे को स्पर्श करती हैं। ताकि उनकी दुनिया में सारा काम सही से चलता रहे। इस दौरान वो एक-दूसरे के काफी करीब से संपर्क में आती हैं। ऐसे में अगर कोई चींटी संक्रमित हो गई, तो उससे दूसरी चींटियां भी संक्रमित हो जाती है। मगर सवाल ये है कि आख़िर चींटियां संक्रमित होती कैसे हैं और बीमार पड़ने के बाद वो अपना इलाज कैसे करती हैं?
ऐसे होती हैं चीटियां बीमार
वैज्ञनिकों ने चीटियों की बीमारी पर रिसर्च किया। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि चीटियां भी बीमार पड़ती हैं। इसके पीछे वजह होता है बेवेरिया बेसियाना (Beauveria bassiana) नाम का फंगस। इसे छूने पर चीटियां संक्रमित हो जाती हैं। इतना ही नहीं, ये फंगस इनके शरीर के अंदर पहुंच जाता है। इसके बाद चीटियां सुस्त और बीमार हो जाती हैं।
बीमार पड़ने पर चींटियां कैसे करती हैं इलाज?
सबसे पहले तो चीटियां सोशल डिस्टेंसिंग अपना लेती हैं। ये ताज्जुब की बात है, मगर सच है। बता दें फंगस के संपर्क में आने के बाद चींटियों का व्यवहार बदल जाता है। बीमार चींटियां अपने साथियों से दूर रहने लगती हैं, ताकि दूसरी चींटियां संक्रमित न हों। फिर वो अपने इंफेक्शन को दूर करने के लिए एक केमिकल की तलाश करती हैं। इस केमकल का नाम है हाइड्रोजन परॉक्साइड । इसी केमिकल को पीकर चींटियां अपना इलाज कर सकती हैं। ये केमिकल चींटियों को या तो फूलों के रस से या फिर हनी ड्यू से मिलता है। चींटिंयों को ये खाना पसंद भी आता है।
वैज्ञानिकों ने किया साबित
विदेशी वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में इस बात को साबित भी किया है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने बीमार और स्वस्थ चींटियों को शहद के पीने और हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिले शहद के पानी के बीच विकल्प दिया, तो पाया कि बीमार चींटियों ने केमिकर वाला शहद पिया, जबकि हेल्दी चींटियों ने सादा शहद पिया। केमिकल पीने वाली चींटियां जल्द ही ठीक भी हो गईं।
Updated on:
11 Apr 2022 12:38 pm
Published on:
11 Apr 2022 12:36 pm
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