9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्या आप भी जानते हैं चीटियां भी होती हैं बीमार, जानिए कैसे करती हैं अपना इलाज

Ant Fallen Sick: क्या आपने कभी सोचा है कि चींटियां भी बीमार पड़ सकती हैं। अगर नहीं तो, हम आपको बताते हैं कि चींटिया बीमार पड़ती हैं। बीमारी पर अपना इलाज भी खुद करती हैं। इस पर वैज्ञानिकों ने शोध करके चींटियों की बीमारी की पता लगाया है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Snigdha Singh

Apr 11, 2022

How Ants Fallen Sick And How Cure Themselves

How Ants Fallen Sick And How Cure Themselves

जिस तरह इंसान बीमार होता है, उसी तरह जानवर भी बीमार होते हैं। तमाम तरह की संक्रमित बीमारियां हो जाती हैं। लेकिन इंसान और जानवर मात्र ऐसे प्राणी नहीं है जिनको संक्रमण की बीमारियां होती हैं। बल्कि संक्रामक बीमारियों का चींटियों (Ants) को भी सामना करना पड़ता है। चीटियां भी कई तरह की बीमारियों से जूझती हैं। खास बात ये है कि चीटियां बीमार होने के बाद अपना इलाज भी खुद से ही करती हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि विशेषज्ञों द्वारा की गई एक रिसर्च के मुताबिक ये तथ्य सामने आया।

दरअसल, चींटियां सामाजिक प्राणी हैं। वो बड़े समूह बनाकर रहती हैं, एक-दूसरे से लगातार बातचीत और एक दूसरे को स्पर्श करती हैं। ताकि उनकी दुनिया में सारा काम सही से चलता रहे। इस दौरान वो एक-दूसरे के काफी करीब से संपर्क में आती हैं। ऐसे में अगर कोई चींटी संक्रमित हो गई, तो उससे दूसरी चींटियां भी संक्रमित हो जाती है। मगर सवाल ये है कि आख़िर चींटियां संक्रमित होती कैसे हैं और बीमार पड़ने के बाद वो अपना इलाज कैसे करती हैं?

यह भी पढ़े - शस्त्रों के हैं शौकीन तो माउजर, पिस्टल और रिवॉल्वर में जान लीजिए क्या है फर्क

ऐसे होती हैं चीटियां बीमार

वैज्ञनिकों ने चीटियों की बीमारी पर रिसर्च किया। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि चीटियां भी बीमार पड़ती हैं। इसके पीछे वजह होता है बेवेरिया बेसियाना (Beauveria bassiana) नाम का फंगस। इसे छूने पर चीटियां संक्रमित हो जाती हैं। इतना ही नहीं, ये फंगस इनके शरीर के अंदर पहुंच जाता है। इसके बाद चीटियां सुस्त और बीमार हो जाती हैं।

बीमार पड़ने पर चींटियां कैसे करती हैं इलाज?

सबसे पहले तो चीटियां सोशल डिस्टेंसिंग अपना लेती हैं। ये ताज्जुब की बात है, मगर सच है। बता दें फंगस के संपर्क में आने के बाद चींटियों का व्यवहार बदल जाता है। बीमार चींटियां अपने साथियों से दूर रहने लगती हैं, ताकि दूसरी चींटियां संक्रमित न हों। फिर वो अपने इंफेक्शन को दूर करने के लिए एक केमिकल की तलाश करती हैं। इस केमकल का नाम है हाइड्रोजन परॉक्‍साइड । इसी केमिकल को पीकर चींटियां अपना इलाज कर सकती हैं। ये केमिकल चींटियों को या तो फूलों के रस से या फिर हनी ड्यू से मिलता है। चींटिंयों को ये खाना पसंद भी आता है।

यह भी पढ़े - सूनी पगडंडियों में संघर्षों से मिला देश को सोना, गोविंद ने इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

वैज्ञानिकों ने किया साबित

विदेशी वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में इस बात को साबित भी किया है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने बीमार और स्वस्थ चींटियों को शहद के पीने और हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिले शहद के पानी के बीच विकल्प दिया, तो पाया कि बीमार चींटियों ने केमिकर वाला शहद पिया, जबकि हेल्दी चींटियों ने सादा शहद पिया। केमिकल पीने वाली चींटियां जल्द ही ठीक भी हो गईं।