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मौत का चौथा बड़ा कारण है यह बीमारी, जानें- सीओपीडी के लक्षण-कारण और बचाव के तरीके

विश्व सीओपीडी दिवस आज, जानें- इस प्रदूषण भरे माहौल में फेफड़ों की इस बीमारी से खुद को कैसे रखें दूर

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Nov 15, 2017

What is COPD

लखनऊ. आज विश्व सीओपीडी दिवस यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज डे (chronic obstructive pulmonary disease day) है। COPD फेफड़ों की गंभीर बीमारी (What is COPD ?) है। यह बीमारी दुनिया भर में मौत का चौथा और भारत में 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों की मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। केजीएमयू (KGMU) के डॉ. सूर्यकांत कहते हैं अगर इसके कारणों को कंट्रोल नहीं किया गया तो साल 2020 तक यह तीसरी घातक बीमारी का रूप ले लेगी। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का प्रमुख कारण धूम्रपान और और दूषित हवा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एक्यूआई) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ की हवा देश भर में सबसे ज्यादा प्रदूषित है। इतना ही नहीं देश भर में सबसे प्रदूषित टॉप 5 शहर उत्तर प्रदेश के ही हैं, जिनमें लखनऊ टॉप पर है। लखनऊ का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 484 रिकॉर्ड किया गया, जो पिछले एक महीने में सबसे ज्यादा है। इसका मतलब साफ है कि शहर की आबोहवा में इतना जहर घुला है कि स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो सकता है।

शहर की आबोहवा में घुला जहर
केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रमुख डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि लखनऊ की दूषित हवा दमा और सीओपीडी मरीजों के लिए काफी नुकसानदेह (COPD Risk Factors) हैं। क्योंकि इन रोगों से पीड़ित मरीजों को सांस लेने में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। शहर की आवोहवा इतनी प्रदूषित है कि तीन से पांच घंटे बाहर रहने वाले व्यक्तियों के फेफड़ों में करीब 20 सिगरेटों के बराबर धुआं घुस जाता है। यही कारण है कि इन दिनों राजधानी के अस्पतालों में 25-30 फीसदी सांसों के मरीज बढ़ गए हैं।

सीओपीडी साथ लाती है अन्य गंभीर बीमारियां
आंकड़े बताते हैं इस वक्त देश भर में करीब 1.5 करोड़ लोग सीओपीडी से पीड़ित हैं। इस बीमारी का सबसे बुरा पहलू यह है कि यह अपने साथ अन्य गंभीर बीमारियों को ले आती है। सीओपीडी से पीड़ित व्यक्तियों को फेफड़ों का कैंसर, हड्डियों में कमजोरी, फेफड़ों का संक्रमण एवंमधुमेह होने की आशंका अधिक रहती है। चिंता का विषय यह है कि अधिकतर को पता ही नहीं होता है कि वह इस खतरनाक बीमारी के शिकार हैं। ऐसे में इस बीमारी के लक्षण जानना बेहद जरूरी है।

सीओपीडी के लक्षण
- लंबे समय तक खांसी-जुकाम रहना
- मुंह में थूक आना
- व्यायाम करते वक्त मांसपेशियों में दिक्कत होना
- सीढ़ियां चढ़ते वक्त सांस लेने में दिक्कतू

सावधान रहें
- धूम्रपान से बचें
- मास्क लगाकर बाहर निकलें
- ईंधन का धुआं और औद्योगिक प्रदूषण से दूर रहें
- गोबर का धुआं, लकड़ी का धुआं आदि से भी दूरी बनाए रखें

खाने में ज्यादा प्रोटीन लें
सीओपीडी से पीड़ित मरीजों को ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। शरीर को प्रोटीन से ऊर्जा मिलती है, जिससे वह इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए तैयार रहता है। प्रोटीन युक्त भोजन के अलावा फल और हरी सब्जियों का भी ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि आपकी डाइट चार्ट में फाइबर तत्व की भी प्रचुर मात्रा हो।