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एक साल से मिस्ट्री बनी हुई है IAS अनुराग की मौत, CBI के हाथ अब भी खाली

किसी भी टीम ने इस केस की फाइल को आगे बढ़ाना उचित नहीं समझा।

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लखनऊ

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Dikshant Sharma

May 19, 2018

IAS anurag

IAS anurag

लखनऊ. एक साल से अधिक समय गुज़र गया लेकिन कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की मर्डर मिस्ट्री अब तक नहीं सुलझ सकी है। आखिरी बार टीम दो माह पहले राजधानी आई थी। उसके बाद से अब तक किसी भी टीम ने इस केस की फाइल को आगे बढ़ाना उचित नहीं समझा।

दो महीने पहले हुई थी आखिरी पड़ताल

करीब दो महीने पहले इस पूरी कहानी में नया मोड़ आया था। दिल्ली स्थित एम्स की तीन सदस्यों की टीम राजधानी पहुंची थी। टीम का कहना था कि उसकी प्राथमिक रिपोर्ट तैयार है और कुछ पॉइंट पर छानबीन के लिए वे राजधानी आई है। उस टीम ने जाते जाते ये साफ़ कर दिया था कि अनुराग तिवारी की न ही ह्त्या हुई है, न सुसाइड और न ही प्राकृतिक मौत। हालांकि ये जानकारी मौखिक थी। अभी एम्स को आधार के साथ अपनी रिपोर्ट सीबीआई को सौंपनी थी। टीम का कहना था कि अनुराग के खून में मिलने वाले कैनबिस (भांग/गांजा) के चलते ही अनुराग की मौत हुई होगी। टीम इस ओर भी जाँच करेगी।

अनुराग तिवारी को पिछले साल 17 मई को मीराबाई मार्ग पर वीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर मृत पाया गया था। 36 वर्षीय आईएएस अधिकारी अनुराग कर्नाटक कैडर के थे। इस टीम को अपनी अंतिम रिपोर्ट सीबीआई को सौंपने में अभी भी 15 से 20 दिन का समय लगेगा।

दो महीने पहले आए पैनल ने कहा था कि अनुराग की मौत एक प्राकृतिक मौत नहीं थी क्योंकि उनके शरीर से कोई बीमारी के सिम्प्टम नहीं मिले थे। साथ ही हत्या और आत्महत्या की सम्भावएं भी खारिज कर दी थीं क्योकि उस ओर भी कोई सुराग नहीं मिला था। केवल आकस्मिक मौत की संभावना मानी जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच इसी बिंदु पर की जा रही है।

यू रहा पूरा घटनाक्रम

-17 मई 2017 को स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर मिला अनुराग का शव

-27 मई 2017 को यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की संस्तुति भेजी

-17 जून 2017 को सीबीआई की टीम लखनऊ आ कर जांच शुरु करती है

-1 साल बीतने के बाद भी सीबीआई को नहीं मिला कोई सुराग

-20 से भी ज्यादा बैचमेट, डॉक्टर, पुलिस अफसरों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है


नहीं आई दो जांच रिपोर्ट

सीबीआई से जुड़े सूत्रों का मानना है कि अभी दो जांच रिपोर्ट आना बाकी है। इसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा। एक रिपोर्ट नई दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों के पैनल की आनी है और दूसरी सीबीआई की फॉरेंसिक लैब की। पिछले दो महीनों से सीबीआई ने राजधानी का रुख भी नहीं किया है।