
उत्तराखंड में शादी का पंजीकरण अनिवार्य हो गया है
Uniform Civil Code:साल 2010 के बाद जिन लोगों की शादी हुई है उन्हें विवाह पंजीकरण अनिवार्य तौर पर कराना होगा। दरअसल, उत्तराखंड में बीते 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हुई है। यूसीसी के नियमों के मुताबिक लोगों को शादी का पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना है। विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों को रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं, बल्कि नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) जाना होगा। विवाह के पंजीकरण का जिम्मा शहर क्षेत्र में नगर आयुक्त और ग्रामीण में बीडीओ के पास को सौंपा गया है। लोगों को शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए विवाह के दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा।
यूसीसी के प्रावधानों के मुताबिक 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाह का राज्य में अब पंजीकरण अनिवार्य हो गया है। इसके लिए छह माह का समय दिया गया है। वहीं, यूसीसी लागू होने की तिथि के बाद वाले विवाह के लिए पंजीकरण की करने की अवधि 60 दिन तय की गई है। इसके लिए ग्राम स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार और एसडीएम रजिस्ट्रार बनाए गए हैं। नगर क्षेत्र में कर अधीक्षक को सब रजिस्ट्रार जबकि नगर आयुक्त को रजिस्ट्रार बनाया गया है। कैंट क्षेत्र में मुख्य अधिशासी अधिकारी को रजिस्ट्रार व उनके द्वारा नामित अधिकारी को सब रजिस्ट्रार बनाया गया है।
27 जनवरी 2025 के बाद शादी हुई है तो ऐसे जोड़ों को दोनों तरफ के शादी कार्ड भी दस्तावेजों में अपलोड करने होंगे। हालांकि 27 जनवरी से पहले जिनका विवाह हुआ है उनके लिए यह वैकल्पिक है। लोग खुद भी सरकार की वेबसाइट https//ucc.uk.gov.inपर आवेदन कर दस्तावेजों और गवाहों के बयान अपलोड कर सकते हैं। इसके लिए दंपति का आधार कार्ड हाईस्कूल प्रमाण पत्र, शादी का कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो दंपति के ज्वाइंट फोटो, स्थाई निवासी, पैन कार्ड और गवाहों की जरूरत होगी।
Published on:
31 Jan 2025 09:06 am
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