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एंबुलेंस 12 मिनट में नहीं पहुंची तो लगेगा तीन हजार रुपये जुर्माना

108 ambulance service:सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम घटा दिया है। साथ ही समय पर एंबुलेंस नही पहुंचने पर संबंधित कंपनी पर तीन गुना अधिक जुर्माने का प्रावधान कर दिया है। अब मैदानी क्षेत्र में 12 मिनट जबकि पर्वतीय इलाकों में 20 मिनट के भीतर एंबुलेंस को मरीज तक पहुंचना ही होगा।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Nov 04, 2024

If the ambulance does not arrive on time, a fine of Rs 3,000 will be imposed

सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम घटा दिया है

108 ambulance service:सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम घटा दिया है। उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम 20 मिनट से घटाकर 12 मिनट जबकि पर्वतीय इलाकों में 35 मिनट से घटाकर 20 मिनट कर दिया गया है। यदि सूचना देने के बाद तय समय के भीतर 108 एंबुलेंस सेवा मरीज तक नहीं पहुंचती है तो संचालक कंपनी पर तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने रविवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री ने यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर हुई प्रेसवार्ता में बताया कि सरकार ने राज्य में एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम सुधारने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 108 सेवा के बेड़े में वर्तमान में 272 एंबुलेंस हैं। कहा कि सरकार राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए संकल्पबद्ध है।

हर ब्लॉक में चार-पांच एंबुलेंस रहेंगी

उत्तराखंड में अभी तक एक ब्लॉक में एक या दो एंबुलेंस उपलब्ध थीं। ऐसे में मरीजों तक पहुंचने का रिस्पांस टाइम ज्यादा था। अब ब्लॉकों में एंबुलेंस की संख्या चार से पांच कर दी गई हैं। ऐसे में रिस्पांस टाइम घटाकर एंबुलेंस की संचालन कंपनी को नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी पर्वतीय क्षेत्रों में 35 मिनट और मैदानी क्षेत्रों में 20 मिनट अधिकतम समय निर्धारित था। इतने समय के भीतर एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर एक हजार रुपये जुर्माना तय था। इस राशि को बढ़ाकर अब तीन हजार रुपये किया गया है।

एंबुलेंस अस्पताल से निशुल्क ले जाएगी शव

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में किसी मरीज की मृत्यु होने पर सरकारी एंबुलेंस से पार्थिव शरीर को निशुल्क घर तक छोड़ा जाएगा। अभी तक प्रति किमी 52 रुपये किराया तय है। इससे मृतकों के परिजनों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा था। अब इस व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। अब अस्पताल से शव को एंबुलेंस के माध्यम से निशुल्क घर तक पहुंचाया जाएगा।

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एंबुलेंस और कर्मचारी आउटसोर्स करने की तैयारी

उत्तराखंड में अभी सरकार की ओर से खरीदी गई 108 एंबुलेंस को प्राइवेट कंपनी संचालित करती है, लेकिन अब सरकार नई योजना पर काम कर रही है। इसके तहत एंबुलेंस पुरानी होने पर यह पूरा काम आउटसोर्स एजेंसी को दे दिया जाएगा। यानी एंबुलेंस भी आउटसोर्स एजेंसी ही खरीदेगी और कर्मचारी भी खुद रखेगी। सरकार का तर्क है कि इससे सरकारी खर्च बचेगा।