
UP weather farmers concern
IMD Alert: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए इस साल का मानसून काफी चिंता का सबब बन गया है। जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य के कई हिस्सों में बारिश असमान रही है, जिससे खरीफ की फसलों की पैदावार को लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार राज्य के 75 जिलों में से 37 जिलों में जून से अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है।
खासतौर पर, राज्य के पश्चिमी और मध्य हिस्से जैसे शामली, गौतमबुद्ध नगर, अमरोहा, कुशीनगर, चंदौली, फतेहपुर, सहारनपुर, जौनपुर, और अमेठी में सामान्य से काफी कम बारिश दर्ज की गई है। शामली में केवल 90.8 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 448.4 मिमी है। इसी तरह, गौतमबुद्ध नगर में सामान्य का केवल 20.9%, अमरोहा में 40.6%, और कुशीनगर में 41.3% ही पानी बरसा है।
आईएमडी के अनुसार राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों के 31 जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई है, जबकि सात जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। लेकिन राज्य के पश्चिमी, रोहिलखंड और मध्य क्षेत्र में अनियमित मानसून और बेतरतीब बारिश से फसलें प्रभावित हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित कमजोर दक्षिण-पूर्वी मानसून इस असंतुलन का कारण हो सकता है।
खरीफ फसलों की पैदावार पर मंडराते संकट को देखते हुए, किसानों को अब राज्य सरकार और मौसम विभाग से मदद की उम्मीद है। खरीफ की मुख्य फसलें जैसे धान, मक्का, और बाजरा की पैदावार पर गंभीर असर पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है।
Published on:
02 Sept 2024 09:54 am
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