उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा संसद में मोदी-अदानी सांठगांठ को उजागर करने वाले अपने शक्तिशाली भाषणों के लिए जानी जाती हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपमानजनक और स्त्री द्वेषपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल करने के आदी हैं, की एक मामूली शिकायत पर आधारित है। उनकी शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ने तुरंत लोस आचार समिति को भेज दिया, जिसने बिना सोचे-समझे उसे स्वीकार कर लिया।
माले नेता ने कहा कि महुआ का निष्कासन संसद के विपक्षी सदस्यों के खिलाफ भाजपा के प्रतिशोध की लंबी सूची में जुड़ गया है – राहुल गांधी की लोकसभा से बर्खास्तगी, संजय सिंह की गिरफ्तारी और संसद के अंदर दानिश अली को सांप्रदायिक निशाना बनाना। भाजपा ने महुआ मोइत्रा का निष्कासन करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। जबकि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी, जिन्होंने संसद के अंदर बसपा सांसद दानिश अली को नफरत भरी और सांप्रदायिक धमकियां दीं, बिना किसी नतीजे के मुक्त हो गए।