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IIT Kanpur में लगा देश का पहला सुपर सुपर कंप्यूटर, ये हैं देश के Top Supercomputers

आईआईटी कानपुर में लगा नया सुपर-सुपर कंप्यूटर 1.3 पेंटा फ्लाॅप की स्पीड से काम करने में सक्षम है। नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत देश भर में सुपर कंप्यूटर का जाल बिछाने की योजना पर काम चल रहा है। अब देश में खुद बड़ी से बड़ी क्षमता वाले सुपर कंप्यूअर का निर्माण किया जा रहा है। भारत भर में लगे कई हैवी सुपर कंप्यूटर दुनिया के Top Supercomputers की लिस्ट में अच्छी रैकिंग रखते हैं।

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Supercomputer

सुपर कंप्यूटर

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

कानपुर. भारत सुपर कंप्यूटर पावर वाले देशों की कतार में खड़ा हो चुका है। कानपुर आईआईटी में देश का पहला सुपर सुपर कंप्यूटर स्थापित किया गया है, जिसकी स्पीड दूसरे सुपर कंप्यूटरर्स से काफी तेज है। इसके लग जाने के बाद भूकंप, जलवायु परिवर्तन और आकाशगंगा जैसे रहस्यों से पर्दा उठाने में काफी सहायता मिलेगी। अब तक इस तरह के रिसर्च देश में नहीं हो सकता था, लेकिन इस सुपर-सुपर कंप्यूटर के लग जाने के बाद इनपर शोध करने में आसानी होगी। यह सुपर कंप्यूटर 1.3 पेंटाफ्लाॅप की स्पीड से काम करेगा। आईआईटी कानपुर में दो सुपर कंप्यूटर पहले से भी लगे हुए हैं।


आईआईट कानपुर में लगे सुपर कंप्यूटर को संचालित करने के लिये सेंटर फाॅर डेवेलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडैक) के साथ समझौता हुआ है। इसे इंटरनेट से चलाया जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं को लेकर वैज्ञानिक शोध करने जा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षा संस्थानों के छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा। सुपर सुपर कंप्यूटर आईआईटी रुड़की व आईआईटी मंडी में भी लगाने की तैयारी है।


एक तरफ जहां देश बड़े-बड़े और जटिल विषयों पर शोध पर आगे बढ़ रहा है वहीं सरकार देश भर में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत सुपर कंप्यूटर का जाल बिछाने की योजना पर काम कर रही है। नेशनल नाॅलेज नेटवर्क पर भी काम चल रहा है, जिसके तहत देश में तीन सुपर कंप्यूटर परम शिवाय आईआईटी बीएचयू वाराणसी में व इसके बाद दो और आईआईटी खडगपुर व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) पुणे में लगाए गए हैं। इसके अलावा देश में कई और बड़े सुपर कंप्यूटर लगे हुए हैं।


साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वाराणसी दौरे के दौरान आईआईटी बीएचयू में 833 टेरा फ्लाॅप के सुपर कंप्यूटर का लोकार्पण किया था। सेंटर फॉर डिवलेपमेंट ऑफ अडवांस कंप्‍यूटिंग (सी-डैक) ने एनएसएम के तहत सुपर कंप्‍यूटर ‘परम शिवाय’ का निर्माण किया। इस सुपर कंप्यूटर को पूरी तरह से भारत में ही बनाया गया।


परम सिद्घि (Param siddhi supercomputer) को सी-डैक ने पूरी तरह से स्वदेश में विकसित (Indigenously developed) किया है। 5.267 पेटाफ्लॉप्‍स के आरपिक तथा 4.6 पेटाफ्लॉप्‍स आरमैक्‍स (सस्‍टेन्‍ड) के साथ इस सुपर कम्‍प्‍यूटर को राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और इलेक्ट्राॅनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की आेर से संयुकत रूप से विकसित किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एचपीसी-एआई) सुपर कंप्यूटर परम सिद्घि को दुनिया के सबसे शक्तिशाली 500 नाॅन डिस्ट्रीब्यूटेड कंप्यूटर प्रणालियों में 63वां स्थाल भी मिला हैं


बंगलूरू में भारतीय विज्ञान संस्थान में लगा सुपर कंप्यूटर 'सहस्त्र’ भी देश के बड़े सुपर कंप्यूटर्स में से एक है। यह दुनिया के 500 सूपर कंप्यूटर्स की लिस्ट में 96 नंबर पर आता है। यह एसईआरसी विज्ञान व इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग में मदद करता है। इसमें इंटेल का Haswell Xeon E5-2680v3 प्रोसेसर, NVIDIA K40 जीपीयू और 2.1PB (पेटाबाइट) स्टोरेज, 1500 प्रोसेसर और 44 ग्राफिक्स से लैस इस सुपर कंप्यूटर का रैम 5600GB का है।


भारत के सबसे सटीक मौसम विज्ञान विभाग इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राॅपिकल पुणे में लगा भारत का सुपर कंप्यूटर 'आदित्य’ दुनिया के 500 सुपर कंप्यूटर में 116वें नंबर पर आता है। इसका इस्तेमाल मौसम के बारे में जानकारी जुटाने के लिये किया जाता है। कहा जाता है कि ये मौसम के बारे में सटीक जानकारियां उपलब्ध कराने में सक्षम है।


टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च फैसिलिटी का सुपर कंप्यूटर भी दुनिया के टाॅप 500 में से 145वें नंबर पर आता है। यह हैदराबाद में तैयार किया गया है। इसका इस्तेमाल सैद्धांतिक भौतिकी और क्वांटम क्रोमोडायनामिक्स पर आधारित रिसर्च के लिए होता है।


आईआईटी दिल्ली कैंपस में रखा सुपर कंप्यूटर दुनिया के चुनिंदा कंप्यूअर्स में से है। इेस टाॅप 500 की लिस्ट में 166वां रैंक मिला हुआ है। इसका इस्तेमाल जुलाॅजी, नैनो सिस्टम, वायुमंडलीय विज्ञान और जैस सूचना विज्ञान जैसे क्षेत्रों में शोध के लिये इस्तेमाल होता है। इसके अलावा भी विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होता है।


पुणे के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) का परम युवा 2 सुपर कंप्यूटर दुनिया के टॉप 500 में इसे 251वें नंबर पर आता है। इसका इस्तेमाल जैव सूचना विज्ञान, अंतरिक्ष, मौसम पूर्वानुमान, भूकंपीय डाटा विश्लेषण, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, वैज्ञानिक अनुसंधान व दवा के क्षेत्र में होता है।