उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के जरिये उन स्टार्टअप्स से आवेदन स्वीकार किये जाएंगे, जो देश में ट्रांसपोर्टर के लिये लागत प्रभावी, स्केलेबल समाधान और कार्यात्मक प्रोटोटाइप विकसित करने को लेकर काम कर रहे हैं। ऐसे चुनिंदा स्टार्टअप्स में भारतीय रेलवे अब सीट फंडिंग के रूप में डेढ़ करोड तक का निवेश करने का मन बना रहा है। इतना हीं नहीं बल्कि आधिकारिक रूप से यह भी स्वीकार किया गया है कि व्यापाक प्रसार के लिये इस अनुदान को बढ़ाकर 3 करोड़ किया जा सकता है।
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यूपी में खुल गए स्कूल, जानिए आपके बच्चे की कब से लगेंगी क्लासेज 50 फीसदी अनुदानित होगी राशि रेलवे मंत्री अश्विन वैष्णव के अनुसार भारतीय रेलवे से स्टार्टअप्स को ये राशि 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान(कैपिटल ग्रांट) सुनिश्चित बाजार, पैमाने और ईकोसिस्टम तंत्र के तहत दी जाएगी। इसके तहत सालाना रूप से रेलवे लगभग 50 करोड़ तक खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि समस्या निवारण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण ऑनलाइन है। रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रॉयल किया जाएगा। नवोन्मेषकों का चयन एक पारदशी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा। विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) नवप्रवर्तनक के पास ही रहेगा। विलम्ब से बचने के लिये संपूर्ण प्रक्रिया का विकेन्द्रीकरण किया जाएगा।
समस्याओं का भी होगा समाधान डीआरएम के अनुसार रेलवे के विभिन्न मण्डलों क्षेत्रीय कार्यालयों से 100 से अधिक समस्याओं में 11 समस्याएं जैसे रेल फै्रक्चर, हेडवे रिडक्शन आदि शामिल है। इससे समस्याओं का समाधान करने के साथ अपने स्टार्टअप को रजिस्टर कर सकते हैं। रेलवे की जरूरत के अनुसार अपनी सर्विस देकर लाखों कमाने का मौका है।