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कटाक्ष से कमबैक तक! आकाश आनंद पर सियासी वार करने वाले जयप्रकाश की बसपा में घर वापसी, मायावती ने सौंपी बंगाल-ओडिशा की कमान

Lucknow News: कभी राहुल–सोनिया पर बयान और आकाश आनंद पर कटाक्ष करने के कारण निष्कासित किए गए जयप्रकाश ने मायावती से माफी मांगकर दोबारा बसपा का दामन थाम लिया है। उनकी वापसी आगामी चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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लखनऊ

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Mohd Danish

Nov 08, 2025

jayprakash singh returns to bsp mayawati reinstates former vice president bengal odisha charge

कटाक्ष से कमबैक तक! Image Source - 'X' @Mayawati

Jayprakash singh returns to BSP: बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व नेशनल कोऑर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह की आखिरकार पार्टी में घर वापसी करा दी है। जयप्रकाश ने मायावती से अपनी सभी पुरानी गलतियों पर माफी मांगी, जिसके बाद उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया गया। मायावती ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया है। आने वाले समय में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चलते यह जिम्मेदारी बेहद अहम मानी जा रही है।

कभी आकाश पर साधा था निशाना, अब सुर बदले

बसपा से निष्कासन के बाद जयप्रकाश सिंह कई बार मायावती के भतीजे आकाश आनंद पर खुलेआम सियासी आरोप लगाते रहे थे। लेकिन पार्टी में वापसी के बाद उनके सुर पूरी तरह बदल चुके हैं। अब वे सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि मायावती ही बसपा की असली धुरी हैं और वही सर्वोच्च नेतृत्व हैं।

पुरानी गलतियों के लिए माफी मांगी- जयप्रकाश सिंह

एक मीडिया चैनल से बातचीत में जयप्रकाश सिंह ने स्वीकार किया कि उनकी गलतियों से पार्टी को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने बहन मायावती से अपनी सभी पुरानी गलतियों के लिए माफी मांगी है। साथ ही आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं दोहराऊंगा। उनकी वापसी के साथ बसपा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।

कौन हैं जयप्रकाश सिंह, कैसे बने मायावती के खास?

गौतमबुद्धनगर में जन्मे 40 वर्षीय जयप्रकाश सिंह जाटव समाज से आते हैं। एलएलएम डिग्री प्राप्त करने के बाद 2009 में उन्होंने परिवार छोड़कर खुद को बहुजन आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया। बसपा के वरिष्ठ नेता धर्मवीर अशोक के माध्यम से उनकी पार्टी में एंट्री हुई और यहीं से उनकी मुलाकात मायावती के भाई आनंद से हुई। समर्पण और संगठन क्षमता के चलते वे जल्दी ही मायावती के विश्वसनीय नेताओं में शामिल हो गए।

कम समय में बढ़ा कद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक का सफर

मायावती ने जयप्रकाश को पहले हरियाणा, फिर राजस्थान की जिम्मेदारी दी। उनकी मेहनत और प्रभाव के कारण उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर प्रमोशन मिला। मायावती के उस बयान के बाद, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी जाटव समाज से होगा और उम्र 20–30 वर्ष कम होगी। राजनीतिक गलियारों में कयास लगने लगे कि यह चेहरा जयप्रकाश ही हो सकते हैं। यही बात उनके लिए भारी साबित हुई और उनका कद उनके बयानों पर भारी पड़ गया।

राहुल-सोनिया को विदेशी खून कहने पर हुआ था निष्कासन

17 जुलाई 2018 को लखनऊ में बसपा कोऑर्डिनेटरों की बैठक में जयप्रकाश ने राहुल व सोनिया गांधी को विदेशी खून कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल अपनी मां पर गए हैं और इसलिए भारतीय राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे। उस समय हरियाणा-राजस्थान चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन की चर्चा थी, ऐसे में बयान पार्टी लाइन के खिलाफ माना गया और मायावती ने उन्हें तत्काल सभी पदों से हटाकर निष्कासित कर दिया।

धार्मिक ग्रंथों, योगी सरकार और कई नेताओं पर भी बोले थे तीखे वाक्य

बैठक में जयप्रकाश ने वेद, मनुस्मृति, गीता, रामायण को संविधान के आगे हल्का बताया था। उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर मंदिर में शक्ति होती तो वे मठ छोड़कर मुख्यमंत्री न बनते। ऐसे बयानों से पार्टी को भारी नुकसान की आशंका हुई और उन्हें तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया गया।

मायावती ने 2021 में कराई थी एफआईआर

निष्कासन के बाद 2021 में जयप्रकाश एक बार फिर विवादों में आए, जब मायावती ने उन पर चंदा वसूली और पार्टी के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। नोएडा जिले की पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने बादलपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि वे मायावती का नाम, फोटो और पार्टी के बैनर का फर्जी इस्तेमाल कर धन इकट्ठा कर रहे थे। इसके चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।

आकाश आनंद पर लगाते रहे गंभीर आरोप

बसपा से बाहर रहने के दौरान जयप्रकाश ने खुलेआम आरोप लगाया कि आकाश पार्टी फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं, फैक्ट्रियां खोल रहे हैं और घाटा दिखाकर मायावती से फिर पैसे लेते हैं। एक इंटरव्यू में तो उन्होंने यहां तक कहा कि पूरा यूपी दो हिस्सों में बांट दो, एक मुझे दे दो और दूसरा आकाश को, मैं अपने हिस्से को जीतकर मायावती को अकेले सीएम बना सकता हूं।

अब पूरी तरह बदले सुर, बसपा में नई भूमिका के साथ नई शुरुआत

वापसी के बाद जयप्रकाश ने सभी पुराने विवादों पर विराम लगा दिया है। बंगाल और ओडिशा की बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद वे अब मिशन 2025 और बसपा के विस्तार में भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पार्टी में उनकी वापसी बसपा की आगामी रणनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।