Kisan Accident Scheme 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को केवल खेतों में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर संघर्ष में सुरक्षा कवच देने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार की मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना अब अन्नदाताओं के लिए न सिर्फ एक योजना है, बल्कि संकट के समय संबल बनकर सामने आई है। किसी भी दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में उसके आश्रित परिवार पर आर्थिक संकट गहराता है। ऐसे समय में यह योजना प्रभावित परिवार को अधिकतम पांच लाख रुपये तक की सहायता प्रदान कर, उन्हें फिर से जीवन की मुख्यधारा में जोड़ने में मदद करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार 13 जून को अंबेडकर नगर जिले के शिवबाबा मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 431 लाभार्थियों को लगभग 21 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर
कुल सहायता राशि ₹20,78,25,000 है, जो डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी। यह पारदर्शिता और सुशासन का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत अब तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 11,690 किसानों/परिवारों के आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। इन्हें सरकार द्वारा कुल ₹5,61,86,28,200 (5.61 अरब रुपये) की वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह राशि सीधे किसानों या उनके आश्रितों के खाते में भेजी जा रही है, जिससे उन्हें किसी मध्यस्थ या भ्रामक प्रक्रिया से गुजरना न पड़े।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत टॉप 10 जिलों में सर्वाधिक लाभ पाने वाले किसान निम्नलिखित हैं:
जनपद | स्वीकृत दावे | कुल सहायता राशि (₹) |
अंबेडकर नगर | 431 | 20,78,25,000 |
कुशीनगर | 392 | 19,55,00,000 |
कानपुर देहात | 403 | 19,51,50,000 |
मैनपुरी | 355 | 17,66,00,000 |
जौनपुर | 417 | 17,20,00,000 |
इटावा | 352 | 17,00,80,000 |
हरदोई | 342 | 15,99,00,000 |
लखीमपुर खीरी | 334 | 15,82,50,000 |
सोनभद्र | 307 | 13,75,75,000 |
संतकबीर नगर | 280 | 13,35,25,000 |
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि योजना का लाभ प्रदेश के हर कोने में पहुंच रहा है, विशेष रूप से उन जिलों में जहाँ कृषि आधारित परिवारों की संख्या अधिक है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितंबर 2019 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य था "दुर्घटना से पीड़ित किसानों या उनके आश्रित परिवारों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें जीवन यापन में संबल देना।" पहले किसान परिवारों को दुर्घटना के बाद मुआवजा पाने में वर्षों लग जाते थे, लेकिन अब प्रक्रिया डिजिटल, समयबद्ध और पारदर्शी हो गई है।
सरकार की मंशा स्पष्ट है, किसान की पीड़ा में उसकी छाया बनना। यही वजह है कि इस योजना के तहत सरकार हर साल बजट में वृद्धि करती रही है।
वर्ष | बजट आवंटन (₹) | लाभार्थी संख्या |
2020-21 | 500 करोड़ | 11,275 |
2021-22 | 600 करोड़ | 13,645 |
2022-23 | 650 करोड़ | 15,231 |
2023-24 | 950 करोड़ | 23,821 |
2024-25 | 1000 करोड़ | 25,575 |
2025-26 | 1050 करोड़ | 11,690 (अब तक) |
इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार न केवल योजना को जारी रख रही है, बल्कि हर वर्ष इसे अधिक समावेशी और प्रभावी बना रही है।
Published on:
12 Jun 2025 06:00 pm