कानपुर के लघु उद्योग भारती के प्रेसिडेंट हरेंद्र मूरजानी का कहना है कि एमएसएमई बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। एक बार ऑर्डर के बाद सरकारी दाम नहीं बढ़ते हैं। ऐसे में उत्पाद बनाने के लिए कच्चा माल जुटाना मुश्किल हो रहा है। आगरा के डीजल पंप सेट और जनरेटर पार्ट्स कारोबार पर दाम बढ़ने का बड़ा असर दिखा है। इस बाजार में पिछले दो माह के दौरान कच्चे माल की कीमत में 35 फीसद तक की तेजी आ गई है। स्टील के दाम में 20 रुपए तो लोहे के दाम में 15 रुपये किलो तक की बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा कॉपर के दाम बढ़े हैं। इसमे 300 रुपए किलो तक की तेजी है। पेट्रोल-डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो गया है।
अलीगढ़ का ताला उद्योग भी प्रभावित
यूपी के अलीगढ़ जिले में ताला-हार्डवेयर व पीतल के मूर्ति निर्माण का पारंपरिक कारोबार है। देश-दुनिया के बाजारों में चमक बिखेरने वाले इस कारोबार पर संकट गहरा गया है। एक महीने में कच्चे माल की कीमतों में 20 से 40 फीसद तक बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता के मुताबिक कच्चा माल महंगा होने के कारण सरिया के दामों में बहुत तेज उछाल आया है। हाल यह है कि तीन माह पहले 4,800 रुपए क्विंटल बिक रही सरिया अब 6,000 रुपए क्विंटल तक पहुंच गई है। जिससे लोगों को खरीदने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।