
Lalji Tandon
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. मध्य प्रदेश के राज्यपाल (Madhya Pradesh Governor) लालजी टंडन (Lalji Tandon) का मंगलवार की सुबह लखनऊ के मेदांता (Medanta) अस्पताल में निधन हो गया। 85 वर्षीय टंडन को 11 जून को कोमोबिर्टीज और न्यूरो मस्कुलर कमजोरी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से वह बाई रेप वेंटिलेटर पर थे। उनकी हालत लगातार बिगड़ती गयी। 5.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। टंडन के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और तमाम अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। उनके सम्मान में उप्र सरकार ने एक दिन का राजकीय अवकाश और तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। भाजपा ने अपने सभी संगठनात्मक कार्यक्रम तीन दिन के लिए स्थगित कर दिए हैं।
सोमवार की शाम टंडन की ज्यादा ज्यादा तबीयत बिगडऩे पर उन्हें ट्रेकोस्टॉमी के जरिए क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके पुत्र आशुतोष टंडन ने सुबह 07.04 बजे ट्वीट कर लिखा 'बाबू जी नहीं रहे"। अस्पताल से टंडन का पार्थिव शरीर त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज स्थित उनके आवास पर 9.30 बजे लाया गया। यहां सीएम योगी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम केशन प्रसाद मौर्य, राज्यपाल आनंदीबेन समेत भाजपा के तमाम दिग्गजों ने पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी लालजी टण्डन के निधन पर शोक जताया। शाम 4 बजे गुलाला घाट, चौक के लिए उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
दशकों पुराना सियासी सफर-
अपने समर्थकों में 'बाबूजी' के नाम से लोकप्रिय 2009-14 में लखनऊ लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। उनके तीन बेटे हैं। उनमें से एक आशुतोष टंडन इस समय उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री हैं। लालजी टंडन का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं की सूची में शुमार था। उनका राजनीतिक करियर कई दशकों लंबा रहा। जिसमें उन्होंने पार्षद, राज्य में मंत्री बनने से लेकर कई राज्यों का राज्यपाल बनने तक का सफर तय किया। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर के नेता टंडन लोकसभा सांसद भी रहे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में उन्होंने 29 जुलाई 2019 को शपथ ली थी। इससे पहले 23 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 तक वह बिहार के राज्यपाल थे।
12 अप्रेल 1935 को लखनऊ में हुआ जन्म-
टंडन का जन्म 12 अप्रेल 1935 को लखनऊ के चौक में हुआ था। टंडन का विवाह 1958 में कृष्णा टंडन से हुआ था। स्नातक के बाद वे राजनीति में आए। और 1978 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने। ऊपरी सदन के लिए यह दोबारा 1990-1996 में चुने गए। टंडन 1996 से 2009 के बीच तीन बार विधायक रहे। 1991-92 में पहली बार उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री बने। तब उनके पास उर्जा विभाग था।
बसपा-भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री-
बसपा-भाजपा की गठबंधन सरकार में वह शहरी विकास मंत्री थे। कल्याण सिंह सरकार में भी मंत्री रहे। मायावती इन्हें अपना भाई मानती थीं। और इन्हें राखी बांधती थीं।
Updated on:
21 Jul 2020 05:46 pm
Published on:
21 Jul 2020 05:42 pm
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