
मुख्तार अंसारी के कब्जे वाली जमीन पर बने पीएम आवास फोटो सोर्स : Social Media
LDA Allotment August Registration: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर सरकार की बुलडोजर नीति और कानून का सख्त रवैया सामने आया है। डाली बाग इलाके में माफिया मुख्तार अंसारी के कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराकर अब वहां प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत गरीबों के लिए बनाए गए 72 फ्लैटों का आवंटन किया जाएगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने अगस्त 2025 से इस योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। यह कदम न सिर्फ गरीबों को आश्रय देने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि अपराध और अतिक्रमण के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को भी दर्शाता है।
लखनऊ के डालीबाग क्षेत्र में स्थित यह जमीन वर्षों से मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के कब्जे में बताई जा रही थी। सूत्रों के अनुसार, यह भूमि सरकारी रिकॉर्ड में शासन की थी, लेकिन मुख्तार अंसारी के बेटों, अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के नाम पर यह अवैध तरीके से दर्ज की गई थी। LDA की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दस्तावेजों में हेरफेर कर जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। 2023 में लखनऊ प्रशासन और पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस जमीन को खाली कराया और उस पर बनी अवैध बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया गया। मुख्तार के परिवार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए जमीन को राजस्व अभिलेखों में पुनः सरकारी भूमि के रूप में दर्ज किया गया।
मुख्तार की अवैध कब्जा की गई इस जमीन पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 72 फ्लैटों का निर्माण कराया है। यह फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों के लिए तैयार किए गए हैं। प्रत्येक फ्लैट में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि शहरी गरीबों को गरिमामयी जीवन जीने का अवसर मिल सके। इन फ्लैटों का निर्माण पिछले एक वर्ष में तेजी से किया गया और अब अगस्त 2025 से इनका आवंटन शुरू किया जाएगा। यह आवंटन पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन माध्यम से होगा।
एलडीए के अनुसार, पीएम आवास योजना के तहत बनने वाले इन 72 फ्लैटों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अगस्त महीने से शुरू होंगे। इसके लिए एक अलग पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जहां पात्र उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध और माफिया विरोधी नीति अब जमीन पर प्रभावी रूप से नजर आ रही है। मुख्तार अंसारी जैसे कुख्यात माफियाओं की अवैध संपत्तियों को जब्त कर उस पर गरीबों के लिए घर बनाना एक सशक्त सामाजिक और प्रशासनिक संदेश है। यह पहली बार नहीं है कि माफियाओं की संपत्ति पर सरकार ने ऐसी योजनाएं लागू की हों। इससे पहले प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर जैसे जिलों में भी कई माफियाओं की जमीनों पर आवासीय योजनाएं और स्कूल स्थापित किए जा चुके हैं।
एलडीए द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि डाली बाग क्षेत्र की यह जमीन मूल रूप से राजकीय थी, लेकिन वर्षों पहले उस पर अवैध कब्जा कर लिया गया। यह जमीन औपचारिक रूप से मुख्तार अंसारी के बेटों के नाम पर दर्ज कराई गई थी, जिसमें फर्जी कागजात का सहारा लिया गया। 2023 में लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने इस पर कार्रवाई की। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया।
इस कार्रवाई को आम जनता और राजनीतिक हलकों में व्यापक समर्थन मिल रहा है। विपक्ष भले ही सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाए, लेकिन वास्तविकता यह है कि जिन लोगों ने वर्षों तक शासन-प्रशासन को चुनौती दी, अब उनकी संपत्तियां गरीबों के उत्थान में इस्तेमाल हो रही हैं।
लखनऊ निवासी सुनील कुमार जो रिक्शा चालक हैं, कहते हैं ,"हमारे जैसे लोगों के लिए यह किसी सपने से कम नहीं। हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि ऐसे इलाके में हमें घर मिलेगा। सरकार ने वाकई बड़ा काम किया है।" एलडीए सूत्रों के अनुसार आने वाले समय में और भी माफिया-गैंगस्टर की जब्त की गई संपत्तियों का उपयोग इस तरह की जनहितकारी योजनाओं में किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि “माफिया या अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर गरीबों का अधिकार होगा।”
Published on:
08 Jul 2025 08:57 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
