
Love JIhad
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad) कानून के लाए एक माह हो गया है। 28 नवंबर, 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) की मंजूरी के बाद योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) में पास किए गए 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' ने कानून का रूप ले लिया जिसके बाद ताबड़तोड़ मामले दर्ज हुए। आंकड़ों को देखें तो इस एक माह में 51 आरोपी गिरफ्तार हुए, 49 लोगों को जेल हुई, तो करीब 14 केस दर्ज हुए हैं। जिनकी गिरफ्तारी हुई उनमें एटा से आठ, सीतापुर से सात, ग्रेटर नोएडा से चार, शाहजहांपुर और आजमगढ़ से तीन-तीन, मुज़फ़्फरनगर, मुरादाबाद, कन्नौज और बिजनौर से दो-दो, तो बरेली, हरदोई से एक-एक लोग शामिल हैं।
योगी सरकार द्वारा लाए गए इस कानून को लेकर भाजपा ने लगातार आक्रमक बयान दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद एक चुनावी रैली में कहा कि जिन्होंने बहन-बेटियों का सम्मान नहीं किया तो उनका राम नाम सत्य होगा। इस कानून का मुद्दा हाईकोर्ट भी पहुंचा, जहां दलील दी गई कि यह कानून व्यक्ति को अपने मन का जीवन साथी चुनने के मौलिक अधिकार के खिलाफ है।
14 में से 13 मामलों में धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया-
कानून के अंतर्गत जो 14 मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें से 13 मामलों में हिंदू महिलाओं पर जबरन इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव बनाया गया था। इसमें से दो मामलों में शिकायकर्ता खुद पीड़िता है, तो 12 में शिकायतकर्ता पीड़िता के रिश्तेदार हैं। इसमें से आठ मामलों में दोनों पक्ष का कहना है कि वह दोस्त या रिश्ते में हैं, जबकि दो का कहना कि वह शादी कर चुके हैं। 14 दर्ज मामलों में 3 बिजनौर में, दो शाहजहांपुर में, तो एक-एक मुजफ्फरनगर, बरेली, सीतापुर, मऊ, एटा, मुरादाबाद, हरदोई, आजमगढ़ और कन्नौज के हैं।
देवरिया में पहला मामला दर्ज-
अध्यादेश लागू होने के ठीक एक दिन बाद बरेली के देवरनिया थाने में पहला मामला दर्ज हुआ था, जिसमें लड़की के पिता टीकाराम राठौर ने शिकायत की थी कि आवा अहमद (22) नामक व्यक्ति ने उनकी बेटी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। बरेली पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए 3 दिसंबर को ही आवा को गिरफ्तार कर लिया था। राजधानी लखनऊ में कानून के अंतर्गत एक शादी समारोह को रोक दिया गया था।
Published on:
29 Dec 2020 03:57 pm
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