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भाजपा के खाते में आयीं 17 सीटें, अब 41 पर सपा-भाजपा में सीधा मुकाबला

UP District Panchayat President - 11 सीटों पर बसपा और अन्य दल त्रिकोणीय संघर्ष में- सपा को तगड़ा झटका,कहीं नामांकन नहीं,तो कहीं गायब हो गए प्रस्तावक

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महेंद्र प्रताप सिंह

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ.BJP won 17 seats UP District Panchayat President विधानसभा चुनाव 2022 का सेमी फाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने 17 सीटों पर बढ़त बना ली हैं। ये सभी बिना लड़े चुनाव जीत जाएँगे।सपा का महज एक प्रत्याशी ही निर्विरोध चुना जाएगा। अब 75 सीटों में से 57 पर ही चुनाव होगा। इनमें 41 सीटें ऐसी हैं जहां सिर्फ भाजपा और सपा के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। चुनावों में बड़ा उलटफेर का दावा करने वाली बसपा, कांग्रेस और अन्य दल 11 सीटों पर ही त्रिकोणीय मुकाबले में होंगे। सबसे ज्यादा पांच उम्मीदवार भदोही में हैं। चार सीटों पर चार-चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि, 29 जून को नाम वापसी का अंतिम दिन है। इसी के बाद स्पष्ट होगा कि कहां कितने प्रत्याशी बचे हैं। इसी दिन निर्विरोध चुने गए 18 उम्मीदवारों की भी अधिकृत घोषणा होगी।

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इन जिलों में सिर्फ एक नामांकन

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, बुलंदशहर, वाराणसी और मऊ में सिर्फ एक नामांकन हुआ।

सपा के साथ खेला होवे...

पश्चिम बंगाल की तर्ज पर खेला होवे... का नारा देने वाली सपा के साथ चुनाव में ही खेला हो गया। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया का कहना है कि गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद, भदोही, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, हमीरपुर, गोंडा, मऊ, ललितपुर, और गाजियाबाद में उनके प्रत्याशियों को भाजपा ने नामांकन दाखिल करने नहीं दिया। सपा ने राज्य निर्वाचन आयोग में इसकी शिकायत की है। हालाँकि जब सपा सत्ता में थी तब उसके 37 उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे।

सपा ने हटाए 11 जिला अध्यक्ष

सपा के मुताबिक कई जिलों में प्रस्तावकों को गायब करा दिया गया। इस बीच भितरघात आरोप में सपा ने 11 जिलाध्यक्षों को हटा दिया है। यहां सिर्फ भाजपा का ही नामांकन हुआ।

महिलाओं ने लिखी नई इबारत

17 जिलों में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीतेगें। इनमें 7 महिलाएं हैं। बलरामपुर की 21 वर्षीय आरती तिवारी सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। आरती स्नातक अंतिम वर्ष की छात्रा हैं। इनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। ये यूपी की सबसे कम उम्र की अध्यक्ष होंगी। वाराणसी की पूनम मौर्या और गोरखपुर की साधना सिंह पर दबंगई का आरोप है। इसी तरह बुलंदशहर की डॉ. अंतुल तेवतिया, आगरा की मंजू भदौरिया, गाजियाबाद की ममता त्यागी, मुरादाबाद की शेफाली सिंह बिना चुनाव लड़े राजनीति की नयी इबारत लिखने जा रही हैं।

मुलायम परिवार का जलवा कायम

यूपी की सत्ता से सपा 4 साल से बाहर है। लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के परिवार का जलवा कायम है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में इटावा में अखिलेश के चचेरे भाई अभिषेक निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं। यहां भाजपा ने प्रत्याशी ही नहीं उतारा। मुलायम परिवार के 8 सदस्य राजनीतिक ओहदों पर हैं।

159 प्रत्याशी चुनाव मैदान में

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कुल 164 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। पांच का पर्चा खारिज हुआ है। अब 159 प्रत्याशी मैदान में हैं। 29 जून को नाम वापसी के बाद बची 57 सीटों पर 3 जुलाई को मतदान होगा। इसी दिन नतीजे भी आ जाएंगे।