scriptGST Council Meeting : पेट्रोल-डीजल जीएसटी में न आए यूपी सहित कई राज्यों ने किया समर्थन | Lucknow GST meeting Nirmala Sitharaman Petrol diesel not under GST | Patrika News

GST Council Meeting : पेट्रोल-डीजल जीएसटी में न आए यूपी सहित कई राज्यों ने किया समर्थन

locationलखनऊPublished: Sep 18, 2021 09:31:49 am

GST Council 45th meeting in Lucknow – जीएसटी काउंसिल की 45वी बैठक में हुए फैसले से जनता मायूस

nirmala sitharaman

Finance Minister Nirmala Sitharaman’s statement on Covid 19 tax

लखनऊ. जीएसटी काउंसिल की 45वी बैठक (GST Council 45th meeting) को लेकर यूपी की जनता में बड़ा उत्साह था। उम्मीद थी कि शायद पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को घटाने को लेकर कोई फैसला आएगा। फैसला आया पर लोगों को मायूस कर गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने साफ-साफ कहाकि, इसके लिए यह उचित समय नहीं है। ज्यादातर राज्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे (Petrol diesel not under GST) में लाने पर सहमत नहीं हुए।
लखनऊ में आज होगी जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी अध्यक्षता

केरल हाई कोर्ट के निर्देश का हुआ पालन :- बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिलसिलेवार कहा कि, केरल हाई कोर्ट ने जीएसटी काउंसिल को पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर यह मुद्दा काउंसिल के विचारार्थ रखा गया था। पर ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर असहमति जताई है। सभी का मानना था कि, अभी यह उचित समय नहीं है। हम केरल हाई कोर्ट को काउंसिल की भावना से अवगत कराएंंगे।
राज्य असहमत :- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, पेट्रोल व डीजल पर अभी केंद्र टैक्स लेता है। केंद्र के टैक्स लगाने के बाद राज्य इस पर वैट लगाकर उसे वसूलते हैं। राज्यों को लगता है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर उन्हें राजस्व का नुकसान तो होगा ही, कर वसूलने का अधिकार भी उनके हाथ से छिन जाएगा।
उत्तर प्रदेश ने भी साधी चुप्पी :- पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर उत्तर प्रदेश ने भी चुप्पी साध रखी थी। यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सहित उक्त राज्यों के वित्त मंत्रियों ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है। बैठक से पहले ही उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संकेत दिया था कि वह पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध करेंगे। काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा था कि उत्तर प्रदेश पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के अंतर्गत लाने के खिलाफ है। बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने का प्रस्ताव अगर रखा भी जाता है तो वह खारिज हो सकता है।
पेट्रोल 28 रुपए सस्ता हो जाता :- पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के के दायरे में लाने पर विशेषज्ञों का कहना है कि, अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी में शामिल हो जाए तो तो पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाएगा। पर राज्यों का राजस्व खत्म हो जाएगा। काउंसिल की इस बैठक में 48 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा की जा जा रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो