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Uttar Pradesh Assembly election 2022 : कहीं बाबा का आर्शीवाद तो कहीं जातीय अस्मिता के सहारे भाजपा का यूपी फतह का प्लान

locationलखनऊPublished: Jul 24, 2021 08:08:29 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

UP Assembly Election 2022 Updates: यूपी के विकास के साथ-साथ राजनीति का खेल खेल रही है भाजपा, सभी नए नौ मेडिकल कालेजों के नाम संतों और जातीय महापुरुषों के नाम पर, 30 जुलाई को पीएम मोदी देंगे यूपी को 9 मेडिकल कालेज तोहफा

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. UP Assembly Election 2022 Updates- यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (uttar pradesh assembly elections 2022) नजदीक आ रहा है। 30 जुलाई को यूपी इतिहास बनाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी एक साथ 9 मेडिकल कालेज तोहफा यूपी की जनता को देंगे। पर भाजपा इन मेडिकल कॉलेज के सहारे अपनी चुनावी फतह की राह बना रहा है। जिस फार्मूले को भाजपा ने अपनाया है उसमें उसने कहीं बाबा का आर्शीवाद तो कहीं जातीय अस्मिता के सहारे लिया गया है। मतलब जिन भी मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हो रहा है, उनके नाम प्रसिद्ध बाबा या संतों पर रखें गए हैं या इलाके जातीय समीकरण को संतुष्ट करने के लिए उनके नेताओं के नाम पर रखा गया है। भाजपा का निशाना कितना सही बैठेगा यह तो नौ माह बाद ही पता चल पाएगा।
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30 को मिलेंगे 9 मेडिकल कॉलेज :- उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का कार्य बेहद तेज गति से हो रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज का है। पीएम मोदी देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थ नगर, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद यूपी में कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या 48 तक पहुंच जाएगी।
भाजपा का नया फार्मूला :- अब भाजपा के नए फार्मूले के अनुसार, देवरिया में मेडिकल कॉलेज का नाम देवरहा बाबा के नाम पर रखा गया है। देवरहा बाबा यूपी ही नहीं देश में प्रसिद्ध थे। उनकी काफी मान्यता है। उनकी ढेर सारे भक्तों में राजनीतिक दलों के प्रमुख शामिल थे। एटा में मेडिकल कॉलेज का नाम वीरांगना अवन्तीबाई मेडिकल कॉलेज रखा गया है। वीरांगना अवन्तीबाई लोधी समाज की हैं। गाजीपुर के संस्थान को महर्षि विश्वामित्र के नाम से जाना जाएगा। सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय मेडिकल कॉलेज होगा, तो मीरजापुर में मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां विंध्यवासिनी के नाम पर होगा। माधव बाबू जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे हैं। वह 1912 में बासी के तिवारीपुर गाव में पैदा हुए थे। प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज का नाम अपना दल के संस्थापक डा सोनेलाल पटेल के नाम पर होगा। अपना दल भाजपा की सहयोगी पार्टी है। तीन मेडिकल कालेजों के नाम लोकार्पण के वक्त बताएंगे।
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उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के आने से पहले राज्य में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज ही मौजूद थे। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद राज्य के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी इजाफा देखने को मिला। 30 जुलाई को 9 मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन के साथ ही राज्य में 13 अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज तैयार किए जा रहे हैं, जिनका कार्य भी जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके बाद यूपी में कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या 48 तक पहुंच जाएगी। सूबे के 16 जिलों में मेडिकल कालेज पीपीपी मॉडल के आधार पर बनाए जा रहे हैं।
छह विशिष्ट संस्थान कर रहे काम :- यूपी में इस वक्त मरीजों के हित के लिए छह विशिष्ट संस्थान काम कर रहे हैं। जिनमें संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ, राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ, सैफई इंस्टीट्यूट इटावा व किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ हैं। अभी तक यूपी के 22 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2928 सीटें है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में दो एम्स कार्यरत हैं। एक गोरखपुर में दूसरा रायबरेली में।
यूपी में 29 निजी मेडिकल कालेज :- अब अगर यूपी में स्वास्थ्य पर जमीनी नब्ज को पकड़े तो प्रदेश में कुल 3500 स्वास्थ्य उपकेन्द्र हैं। जिनमें 1475 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 399 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 5424 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर, 06 नए सुपर स्पेशियलटी ब्लाक शामिल हैं।
यूपी में एमबीबीएस में सात हज़ार सीटें :- जनता के स्वास्थ्य को दुरूस्त करने के लिए यूपी में 29 निजी मेडिकल कालेज काम कर रहे हैं। इनमें निजी कालेजों में एमबीबीएस की चार हज़ार सीटें हैं। यूपी के निजी और सरकारी कॉलेजों को मिलाकर देखें तो एमबीबीएस में सात हज़ार सीटें हैं। जहां से यूपी के स्वास्थ्य को ठीक करने वाले डाक्टर शिक्षा ग्रहण करते हैं।

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