
विदेशो में रहने वाले भी करते है फोन
रमजान हेल्पलाइन देश में इस किस्म की पहली हेल्पलाइन है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इण्डिया के माध्यम से दारुल निजामिया फरंगी महल में रोजेदारों की दीनी और शरई रहनुमाई के लिए साल 2001 में रमजान हेल्पलाइन की शुरुआत की गयी थी। जिसकी मकबूलियत खुदा पाक के करम से आज भी बरकरार है।
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विदेशो में रहने वाले भी करते है फोन
इस हेल्प लाइन से लोग फोन और e-mail के जरिए रोजा, नमाज, जकात और दूसरे सवालात मुल्क और बाहर के मुल्कों से भी करते हैं। इन सवालों के जवाब मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलेमा का एक पैनल देता है। लोग इन नम्बरों 9335929670, 9415102947. 7007705774 , 9140427677 और e-mail ramzanhelpline2005@gmail.com और www.farangimahal.in वेब साइट पर भी सवाल पूछ सकते है।
इस तरह के होते है सवाल -जवाब
सवाल 1.... छः सालों से हज के लिए कुछ रकम निकाल कर रख दी है और वह इस साल हज पर जाना चाहते है, तो क्या इस रकम पर तमाम पिछले सालों की जकात वाजिब हैं।
जवाब जब तक वह रकम खर्च न हो जाये उस वक्त तक तमाम पिछले सालों की जकात वाजिब।
सवाल 2.... मिर्गी का मर्ज है और रोजे के दौरान उसे दौरा पड़ जाए तो क्या रोजा टूट जायेगा?
जवाब : रोजा नहीं टूटेगा।
सवाल 3 क्या बिना वुजू के रोजा इफ्तार कर सकते हैं?
जवाब : जी हां ! कर सकते हैं लेकिन बुजू के साथ करे तो ज्यादा अच्छा है।
सवाल 4 तस्वीर वाले कपड़े पहन कर नमाज़ पढ़ सकते हैं?
जवाब : नहीं पढ़ सकते है।
सवाल 5 जकात की रकम से कब्रिस्तान की बाउंड्री वगैरा बनवा सकते हैं?
जवाब : नहीं बनवा सकते हैं।
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Published on:
28 Mar 2023 05:44 pm
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