
CM Yogi
लखनऊ. यूपी के परिषदीय और माध्यमिक शिक्षक इस वर्ष शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर मायूस होंगे। यूपी सरकार ने यह फैसला लिया है कि इस साल शिक्षक सम्मान समारोह नहीं मनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से जब स्कूल ही नहीं खुले तो विद्यालयों में शिक्षण कार्य नहीं हुआ है, तो शिक्षक सम्मान कैसा। क्योंकि शिक्षक सम्मान की पहली अर्हता पठन-पाठन है।
अंतिम चयन की प्रक्रिया करीब करीब पूरी :- बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए प्रदेश के सभी शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आवेदन मांगे थे। बेसिक शिक्षा विभाग में हर जिले से एक शिक्षक को सम्मानित किया जाना था। माध्यमिक शिक्षा विभाग में करीब 20 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। दोनों बिभागों में आवेदन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई और अंतिम चयन की प्रक्रिया चल रही है।
अचानक लिया गया फैसला :- इसी बीच योगी सरकार ने इस वर्ष शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित न करने का फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि शैक्षिक सत्र 2021-22 में कोरोना से अधिकांश समय स्कूल बंद रहे हैं। शिक्षण कार्य भी बाधित रहा। कक्षा 1 से लेकर 12 तक में बिना परीक्षा के ही विद्यार्थियों को प्रोनत किया गया है। विद्यालयों में शिक्षण कार्य नहीं हुआ है, जबकि शिक्षक सम्मान की पहली अर्हता पठन-पाठन है। लिहाजा इस साल शिक्षक सम्मान समारोह नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
आदेश जारी :- निदेशक
बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह ने बताया कि, इस वर्ष शिक्षक सम्मान समारोह नहीं होगा। इसका आदेश जारी कर दिया है।
बीते वर्ष भी नहीं हुआ था :- उप मुख्यमंत्री
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहाकि, गत शैक्षिक सत्र में स्कूलों में पढ़ाई तो हुई नहीं है। शिक्षक सम्मान के चयन कौ प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। बीते वर्ष भी कोरोना के कारण शिक्षक सम्मान समारोह नहीं हुआ था।
Updated on:
24 Aug 2021 08:44 am
Published on:
24 Aug 2021 08:43 am
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