शासन ने 2015 की संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड का जिम्मा लखनऊ यूनिवर्सिटी को दिया था। यूनिवर्सिटी ने परीक्षा करवाए जाने के बाद 5 जून से 25 जून 2015 तक काउंसलिंग करवाई थी। काउंसलिंग में कुल 71,622 कैंडिडेट शामिल हुए थे। प्रदेश के विभिन्न केंद्रों पर करवाई गई काउंसलिंग के समय यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से काउंसलिंग फीस के रूप में कैंडिडेट्स से 500 रुपये का डीडी जमा करवाया गया था। इसके साथ ही कॉलेज फीस के लिए एडवांस में 5,000 रुपये का डिमांड ड्रॉफ्ट भी लिया गया था। ये 5 हजार रुपये रिफंडेबल थे। काउंसलिंग में 2,832 कैंडिडेट्स ऐसे थे, जिन्होंने चॉइस फिल नहीं की थी। 4,857 कैंडिडेट्स को कॉलेज अलॉट नहीं हुआ था। इन सभी के 5 हजार रुपये यूनिवर्सिटी सालभर से दबाए बैठी है।