
स्वर्णनगरी से लेकर सम के रेतीले धोरों तक नववर्ष- 2026 का स्वागत बुधवार रात को उत्साह, उल्लास व उमंग के साथ किया गया। सर्द हवाओं से घिरे मरु अंचल में जैसे ही घड़ी में रात के बारह बजे पूरा इलाका रोशनी, संगीत और आतिशबाजी की गूंज से सराबोर हो गया। शहर के होटल, रिसोट्स और डेजर्ट कैंप उत्सव के रंग में रंगे नजर आए। रात ठीक बारह बजते ही केक काटे गए और आसमान रंग-बिरंगी आतिशबाजी से जगमगा उठा। चारों ओर खुशी का शोर, तालियों की गूंज और बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। सैलानियों ने एक-दूसरे को गले लगाकर, हाथ मिलाकर और मोबाइल व सोशल मीडिया के जरिए नववर्ष की शुभकामनाएं साझा कीं।
देश के कोने-कोने से और सात समंदर पार से पहुंचे पर्यटकों के चेहरों पर नए साल की खुशी साफ झलक रही थी। इस जश्न को खास बनाने में लोक संस्कृति की भूमिका प्रमुख रही। चकरी, घूमर, कालबेलिया और भवई नृत्यों ने मरुभूमि की सांस्कृतिक आत्मा को जीवंत कर दिया। लोक धुनों के बाद डीजे पर गूंजते बॉलीवुड गीतों ने माहौल को आधुनिक रंग दिया। मंच पर कलाकारों के साथ पर्यटक भी ताल से ताल मिलाते हुए देर रात तक थिरकते रहे।
जश्न के बीच स्वाद का उत्सव भी देखने को मिला। रोशनी से सजे डांस फ्लोर और गूंजते संगीत के साथ परोसे गए जायकेदार व्यंजनों ने माहौल को और यादगार बना दिया। शहर के सितारा होटलों से लेकर सम और खुहड़ी के रिसोट्स तक विशेष भोजन व्यवस्था की गई। राजस्थानी स्वाद में बाजरी के सोगरे और कैर-सांगरी के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजन शामिल रहे। वहीं इटालियन, कांटिनेंटल, फ्रेंच और मंचूरियन जैसे विदेशी व्यंजनों ने सैलानियों को खास अनुभव दिया। नववर्ष के अवसर पर जैसलमेर में हर दिशा में सैलानियों की मौजूदगी दिखी। शहर के प्रवेश मार्गों पर चारपहिया वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। सोनार दुर्ग, गड़ीसर सरोवर और प्रमुख बाजारों में दिनभर रौनक बनी रही। रात के समय जैसलमेर-सम मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ा, जिसे नियंत्रित रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए और सुरक्षा जांच भी की गई।
Published on:
31 Dec 2025 11:56 pm
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