
माफिया मुख्तार अंसारी को एक और सजा
बाहुबली और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार का शिकंजा कसता ही जा रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के एक 23 वर्ष पुराने मामले में शुक्रवार को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई है। इस सजा के साथ-साथ मुख्तार अंसारी पर पचास हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया गया है। अभी 21 सितम्बर को वर्ष 2003 में जेलर को धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी को सात वर्ष कैद की सजा दी गई है। मुख्तार अंसारी इस वक्त बांदा जेल में बंद हैं।
गैंगस्टर एक्ट में पाए गए दोषी
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के तहत 23 वर्ष पुराने एक मामले में भी जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को उसे पांच वर्ष कैद के साथ पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है। सरकारी वकील राव नरेन्द्र सिंह के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्तार को गैंगस्टर के इस मामले में ट्रायल कोर्ट से बरी करने के आदेश को चुनौती दी थी। इस मामले की वर्ष 1999 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज है।
जेलर को धमकाने के मामले में सात वर्ष की कैद
इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने इससे पहले गुरुवार को वर्ष 2003 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को सात वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। मामला लखनऊ जेल के जेलर को पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी से जुड़ा था। बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ इस मामले में जेलर एसके अवस्थी अकेले ही लड़े और सजा दिलवाई। इस मामले में जेलर एसके अवस्थी ने लखनऊ के आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस मामले में कई गवाह थे जो बाद में मुकर गए। मामला यह था कि, कुछ लोग असलहों से लैस होकर मुख्तार अंसारी से जेल में मिलने पहुंचे थे। जेलर एसके अवस्थी ने जब तलाशी लेनी चाहिए तो जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने एतराज जताया। इसके बाद बात बढ़ गई।
Updated on:
23 Sept 2022 03:14 pm
Published on:
23 Sept 2022 03:10 pm
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