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MahaKumbh 2025: अमृत कलश के दर्शन से श्रद्धालुओं को मिलेगा दिव्य अनुभव, सेल्फी प्वाइंट बनेगा आकर्षण का केंद्र

MahaKumbh 2025 में प्रयागराज के इलाहाबाद संग्रहालय का अनोखा प्रयास: अमृत कलश की अद्वितीय प्रतिकृति और 90 वर्षों की क्रांति की जीवंत गाथा के प्रदर्शन से देश-विदेश के श्रद्धालुओं का स्वागत .

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 03, 2024

अमृत कलश: भक्ति और संस्कृति का अनूठा संगम

अमृत कलश: भक्ति और संस्कृति का अनूठा संगम

MahaKumbh 2025: प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अभूतपूर्व बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रदेश सरकार महाकुंभ को पहले से अधिक विराट, भव्य और दिव्य बनाने के लिए दिन-रात कार्यरत है। इसी कड़ी में प्रयागराज के इलाहाबाद संग्रहालय ने महाकुंभ की भव्यता को नया आयाम देने की अनोखी योजना बनाई है। इस महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु संगम पर अमृत कलश से टपकती अमृत की बूंदों की प्रतिकृति का अनुभव कर सकेंगे, जो एक प्रमुख सेल्फी प्वाइंट के रूप में विकसित की जाएगी। यह आकर्षण देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को महाकुंभ के पौराणिक महत्व का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा।

अमृत कलश: भक्ति और संस्कृति का अनूठा संगम

इलाहाबाद संग्रहालय ने इस अमृत कलश की प्रतिकृति के लिए मेला प्रशासन से लगभग 12,000 वर्ग फीट भूमि की मांग की है। संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर, डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार, इस पहल से श्रद्धालुओं को ऐसा अनुभव प्राप्त होगा जो न केवल उनकी भक्ति को बढ़ाएगा बल्कि एक स्मारिका के रूप में उनके साथ रहेगा। अमृत कलश से टपकती अमृत की बूंदों का दृश्य महाकुंभ के पौराणिक महत्व को समर्पित होगा।

क्रांतिकारियों की वीरता का जीवंत प्रदर्शन

महाकुंभ के आयोजन में भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक गाथाओं को श्रद्धालुओं के समक्ष प्रदर्शित करना प्रमुख उद्देश्य है। इसी दिशा में, इलाहाबाद संग्रहालय ने दुनिया की पहली ऐसी वीथिका का निर्माण किया है, जहां 1857 की क्रांति से लेकर 1947 में स्वतंत्रता मिलने तक के सभी प्रमुख क्रांतिकारियों की गाथाओं का प्रदर्शन किया गया है।

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यह वीथिका विशेष रूप से उन वीरों की गाथाओं को समर्पित है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर आजाद तक, गरम दल के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां श्रद्धालुओं को देशभक्ति के नए जोश से भर देंगी। यह डिजिटल और आलेखों से निर्मित प्रदर्शनी दुनिया में अपनी तरह की पहली है और यह एक साथ इतने महान क्रांतिकारियों को सम्मान देने का अवसर प्रदान करती है।

90 साल की क्रांति: इतिहास से साक्षात्कार

इस वीथिका में 90 वर्षों की क्रांति का सजीव चित्रण किया गया है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से लोग स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं को करीब से जान सकेंगे। यहां प्रदर्शित की गई जानकारी से आगंतुकों को स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत उन गुमनाम नायकों की वीरता के बारे में पता चलेगा, जिनकी कहानियां आमतौर पर इतिहास के पन्नों में खो जाती हैं।

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मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह से लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस तक के संघर्षों का जीवंत वर्णन यहां मिलेगा। प्रदर्शनी में न केवल आलेख बल्कि डिजिटल प्रस्तुति के माध्यम से भी यह गाथाएं जीवंत होंगी, जो लोगों को इतिहास के उस स्वर्णिम युग की झलक दिखाएंगी।

सांस्कृतिक समृद्धि और अद्वितीय अनुभव

महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति, आस्था और परंपराओं का जीवंत उदाहरण है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अमृत कलश की प्रतिकृति और स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं से भरी इस वीथिका के दर्शन करने का अवसर मिलेगा, जो न केवल आध्यात्मिकता बल्कि इतिहास और संस्कृति के प्रति एक नई जागरूकता को बढ़ावा देगा।

योगी सरकार का विजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य है कि 2025 का महाकुंभ पिछले सभी कुंभ आयोजनों से ज्यादा विराट, भव्य और प्रभावशाली हो। इसी उद्देश्य से प्रयागराज में चौबीस घंटे तैयारियां की जा रही हैं। राज्य सरकार और इलाहाबाद संग्रहालय का यह संयुक्त प्रयास सुनिश्चित करेगा कि इस आयोजन से आने वाले श्रद्धालुओं को एक ऐसा अनुभव प्राप्त हो, जिसे वे लंबे समय तक याद रख सकें।