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महेंद्र नाथ पांडे की बड़ी घोषणा, 2019 चुनाव से पहले इन मोर्चों को मिले नए प्रदेश अध्यक्ष

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में तीन मोर्चों के नए अध्यक्ष घोषित किए हैं.

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Jul 08, 2018

Mahendra Nath Pandey

Mahendra Nath Pandey

लखनऊ. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में तीन मोर्चों के नए अध्यक्ष घोषित किए हैं। इनमें प्रदेश किसान मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा और प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं

इन मोर्चो की दी जिम्मेदारी-

महेंद्रनाथ पांडे ने अब प्रदेश किसान मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा और प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष के एलान किए हैं। इसमें गाजियाबाद के चौधरी राजा वर्मा को किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं वाराणसी के हैदर अब्बास चांद अल्पसंख्यक मोर्चा के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे।

पहले ये थे इस मोर्चे के अध्यक्ष-

वहीं प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष को बदला गया है। इस मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष पहले राजेन्द्र गौड थे। लेकिन अब उनके स्थान पर रामधनी गौड को मोर्चे का अध्यक्ष चुना गया है।

अमित शाह ने की थी बैठक, लिया गया था फैसला-

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को पार्टी महासचिवों और विभिन्न मोर्चो के अध्यक्षों के साथ चुनावी रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया। इसमें उन्होंने महासचिवों से उनसे जुड़े राज्यों की जानकारी ली गई। साथ ही मोर्चों से कहा गया है कि वे हर राज्य में अपने संगठनों को चुनावी तैयारियों का काम सौंपे। इसी के अनुसार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ मोर्चो के नए प्रदेश अध्यक्ष घोषित किए।

2019 चुनाव में गठबंधन को देखते हुए दिए गए दायित्व-

2019 चुनाव में लोकसभा की तैयारी के लिए सभी मोर्चों से कहा गया है कि वे क्षेत्रों के लिए योजना बनाकर उसे राज्य, जिला स्तर और हर लोकसभा क्षेत्र में लागू करें। भाजपा के युवा, महिला, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचति जाति, अनुसूचित जनजाति व अल्पसंख्यक मोर्चा अपने-अपने क्षेत्रों में जमीनी संपर्क के साथ गोष्ठियों, सम्मेलनों से लोगों को जोड़ें। पार्टी उन राज्यों के लिए विशेष रणनीति बना रही है जहां विपक्षी दलों से गठबंधन संभव है। यूपी में सपा-बसपा-कांग्रेस गठबंधन की संभावना को देखते हुए पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक मोर्चा को विशेष दायित्व दिए गए हैं।