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Nagar Nigam Transfer: नगर निगमों में बड़े पैमाने पर तबादले: जोनल अधिकारी व मुख्य अभियंताओं की जिम्मेदारियां बदली

Major Transfers in UP Municipal Corporations: उत्तर प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति के तहत नगर निगमों में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। मुरादाबाद, प्रयागराज और वाराणसी में मुख्य अभियंताओं और जोनल अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। शासन के आदेश अनुसार अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यकाल की अवधि पूरी कर ली थी, इसलिए यह बदलाव किया गया।

लखनऊ

Ritesh Singh

Jun 15, 2025

स्थानांतरण नीति के तहत शासन ने जारी किए आदेश, चार साल पूरे करने वालों को किया गया इधर-उधर फोटो सोर्स : Patrika
स्थानांतरण नीति के तहत शासन ने जारी किए आदेश, चार साल पूरे करने वालों को किया गया इधर-उधर फोटो सोर्स : Patrika

Nagar Nigam Major Transfer: प्रदेश के नगर निगमों में शासन स्तर से अधिकारियों के तबादले एक बार फिर चर्चा में हैं। नगर विकास विभाग द्वारा जारी किए गए हालिया आदेश के अनुसार मुरादाबाद, प्रयागराज और वाराणसी नगर निगमों में कार्यरत वरिष्ठ अभियंताओं एवं अधिकारियों का तबादला कर उन्हें नए स्थानों पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये तबादले उत्तर प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति 2024-25 के अंतर्गत किए गए हैं, जिसमें स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी अधिकारी को एक ही स्थान पर चार वर्षों से अधिक नहीं रखा जाएगा।

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जोन 8 के जोनल अधिकारी अजीत कुमार राय का स्थानांतरण

नगर निगम प्रयागराज के अंतर्गत आने वाले जोन 8 के जोनल अधिकारी अजीत कुमार राय का स्थानांतरण कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, अजीत कुमार राय को प्रयागराज नगर निगम में उनकी नई पोस्टिंग के आदेश के साथ जल्द ही कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम सूत्रों का कहना है कि यह तबादला कार्यकाल की समाप्ति एवं प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है।

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अजीत कुमार राय ने जोन 8 में अपने कार्यकाल के दौरान सफाई व्यवस्था, सड़क मरम्मत कार्य, जल निकासी योजना और अतिक्रमण विरोधी अभियान में उल्लेखनीय कार्य किए। हालांकि, बीते कुछ महीनों में स्थानीय पार्षदों और नागरिकों द्वारा उनकी कार्यशैली को लेकर विरोध भी देखा गया था। ऐसे में यह तबादला सियासी समीकरणों और प्रशासनिक संतुलन का हिस्सा माना जा रहा है।

दिनेश चंद्र सचान का मुरादाबाद से प्रयागराज तबादला

नगर निगम मुरादाबाद के मुख्य अभियंता (सिविल) दिनेश चन्द्र सचान का तबादला प्रयागराज नगर निगम में कर दिया गया है। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सचान अब प्रयागराज में उसी पद पर कार्य करेंगे। यह तबादला उत्तर प्रदेश शासन की स्थानांतरण नीति के तहत किया गया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि दिनेश चंद्र सचान ने मुरादाबाद में चार वर्षों से अधिक समय तक अपनी सेवाएं दी हैं और अब उन्हें नीति के अनुसार स्थानांतरित किया जा रहा है।

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दिनेश चंद्र सचान को मुरादाबाद में एक सख्त, अनुशासित और तकनीकी दृष्टि से कुशल अधिकारी के रूप में जाना जाता रहा है। उनके कार्यकाल के दौरान शहर में कई अहम निर्माण परियोजनाएं शुरू हुईं और कई अधूरी योजनाओं को गति मिली। इनमें मुख्य रूप से स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट, जल निकासी लाइन का विस्तार और मुरादाबाद फ्लाईओवर पुनर्निर्माण योजना प्रमुख हैं।

मोइनुद्दीन का वाराणसी से मुरादाबाद तबादला

वाराणसी नगर निगम में मुख्य अभियंता (सिविल) पद पर कार्यरत मोइनुद्दीन को अब मुरादाबाद नगर निगम में इसी पद पर भेजा गया है। वे दिनेश चंद्र सचान की जगह लेंगे और मुरादाबाद के निर्माण विभाग की बागडोर संभालेंगे। वाराणसी में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान मोइनुद्दीन ने शहर के कई हिस्सों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में योगदान दिया।

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मोइनुद्दीन की तकनीकी समझ, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी और समयबद्ध परियोजना प्रबंधन की शैली के कारण उन्हें एक जिम्मेदार अधिकारी माना जाता है। मुरादाबाद में उनके आगमन को स्थानीय प्रशासन द्वारा स्वागत योग्य माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि वे आगामी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और मौजूदा सड़कों के पुनर्निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

तबादलों की टाइमिंग पर उठे सवाल

जहां एक ओर शासन इन तबादलों को नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया बता रहा है, वहीं विपक्षी दल और कुछ स्थानीय पार्षद इसे 'समय से पहले' और 'राजनीतिक दबाव में लिया गया निर्णय' बता रहे हैं। खासकर प्रयागराज में नगर निगम के जोन 8 में अचानक हुए बदलाव को लेकर क्षेत्रीय पार्षदों के बीच असंतोष देखा गया है। वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि अधिकारियों को समय-समय पर स्थानांतरित करना न केवल प्रशासनिक दक्षता को बनाए रखता है, बल्कि इससे किसी एक स्थान पर सत्ता और प्रभाव का अत्यधिक केंद्रीकरण भी नहीं होता।

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शासन की स्थानांतरण नीति क्या कहती है

उत्तर प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति 2024-25 के अनुसार, कोई भी अधिकारी या कर्मचारी एक ही स्थान पर 4 वर्ष से अधिक नहीं रहेगा। संवेदनशील पदों पर कार्यरत अधिकारियों के तबादले तीन वर्ष के भीतर अनिवार्य माने जाते हैं।
स्थानांतरण का निर्णय प्रदर्शन, विभागीय आवश्यकताओं, और प्रशासनिक अनुशासन के आधार पर लिया जाएगा। इन नीतियों का उद्देश्य प्रशासन में पारदर्शिता बनाए रखना और सभी क्षेत्रों में एक समान विकास सुनिश्चित करना है।

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नई जिम्मेदारियों की तैयारी में जुटे अधिकारी

तीनों ही अधिकारियों को उनके तबादले की सूचना मिल चुकी है और वे जल्द ही अपने-अपने स्थान पर कार्यभार संभालने की तैयारी कर रहे हैं। मुरादाबाद, प्रयागराज और वाराणसी नगर निगम में प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है, क्योंकि प्रमुख पदों पर बदलाव से नीतियों की दिशा और कार्यशैली में बदलाव आना तय माना जा रहा है। प्रयागराज में दिनेश चंद्र सचान की तैनाती से उम्मीद जताई जा रही है कि रुके हुए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी, वहीं मुरादाबाद में मोइनुद्दीन के आने से तकनीकी विशेषज्ञता और ईमानदार निगरानी व्यवस्था मजबूत होगी।