
पहली बार मुख्यमंत्री ने मायावती और अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ की मानी बात
लखनऊ. यूपी की राजनीति में शायद ऐसा पहली बार हुआ है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसपा अध्यक्ष मायावती की बात मानी है। इतना ही नहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी योगी आदित्यनाथ के साथ किसी मुद्दे पर पहली बार ही सहमत दिखे हैं। हालांकि ये बात और है कि अखिलेश यादव ने मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह 'वन नेशन वन इलेक्शन' के मुद्दे का समर्थन करते हुए बीजेपी पर तंज कस गये हैं।
वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित कमेटी ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इसमें यूपी का अगला विधानसभा चुनाव 2022 की जगह 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ कराने की सिफारिश कही गई है। कमेटी की रिपोर्ट पर अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी 'एक देश एक चुनाव' के लिए तैयार है। ये एक अच्छी पहल है, लेकिन इसके लिए विपक्षी पार्टियों से भी बात करनी चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' की बात कहकर उत्तर प्रदेश सरकार अपना कार्यकाल बढ़ाना चाहती है। भाजपा ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सपा भी चाहती है कि देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' कि रिपोर्ट लागू हो और यह 2019 से ही लागू हो। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ ही करवा लिया जाये। हम लोग इसका स्वागत करते हैं।
योगी ने मानी मायावती की बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांशीराम यादगार विश्राम स्थल के रख रखाव की जिम्मेदारी ले ली है। पहले चरण में वह कांशीराम यादगार विश्राम स्थल की सुरक्षा के लिए 24 घंटे चौकीदार तैनात रहेंगे। गौरतलब है कि मायावती ने अपना 13 ए मॉल एवेन्यू स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया। इसके एक बड़े हिस्से को उन्होंने कांशीराम यादगार विश्राम स्थल बताते हुए, योगी सरकार से इसकी रख-रखाव की मांग की थी। मायावती ने कहा था कि अगर राज्य सरकार कांशीराम यादगार विश्राम स्थल की देखरेख नहीं कर सकती है तो वह खुद स्थल का रखरखाव करेंगी।
राज्य संपत्ति विभाग ने भी 13 ए मॉल एवेन्यू स्थित बंगले को कांशीराम यादगार स्थल माना है। संपत्ति विभाग के अधिकारियों नेकहा कि कांशीराम यादगार विश्राम स्थल एक अलग परिसर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी बंगला खाली कर दिया गया है। केवल एनडी तिवारी का बंगला अभी खाली नहीं किया गया है।
सीएम योगी ने गिनाए फायदे
- लोकसभा, विधानसभा, निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे तो यह देश और लोकतंत्र के हित में होगा।
- लोगों में लोकतांत्रित अधिकार जागृत होगा।
- देश की जनता का काफी पैसा भी बचेगा।
- सरकारें ज्यादा मजबूती और संवेदनशील ढंग से काम करेंगी।
- सरकारी कर्मचारियों के काम में बार-बार बाधा नहीं आएगी।
- फोर्स को बार-बार चुनावी ड्यूटी के लिए इधर-उधर नहीं जाना होगा।
- बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य नहीं रुकेंगे।
Updated on:
07 Jun 2018 12:52 pm
Published on:
06 Jun 2018 07:46 pm
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