
Mayawati Big Decision
Mayawati Statement बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी आखिरी सांस तक किसी को भी अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पार्टी में आंतरिक बदलाव और संगठनात्मक सुधार की चर्चाएं जोरों पर थीं।
BSP की हालिया बैठक में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया और उनके ससुर पर उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। इस फैसले के बाद BSP में बड़े बदलाव की संभावना बढ़ गई है और 2029 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की रणनीति को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं।
मायावती ने साफ कर दिया कि वह BSP को अपने तरीके से चलाएंगी और उत्तराधिकार की कोई योजना नहीं बनाएंगी। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि पार्टी में संगठनात्मक नेतृत्व पूरी तरह से उनके हाथों में ही रहेगा। उन्होंने अपने बयान में कहा, "BSP को आगे ले जाने के लिए मुझे किसी उत्तराधिकारी की जरूरत नहीं है। मैं अंतिम समय तक पार्टी को खुद ही संभालूंगी।"इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
BSP की इस बैठक में आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से हटाने का फैसला लिया गया। मायावती ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि आकाश आनंद के ससुराल पक्ष की वजह से उनका राजनीतिक करियर बर्बाद हो गया।
सूत्रों के मुताबिक, मायावती आकाश आनंद के राजनीतिक अनुभव से संतुष्ट नहीं थीं। उन्हें पार्टी की कार्यशैली और विचारधारा में कमी महसूस हुई। आकाश आनंद के ससुराल पक्ष द्वारा लिए गए कुछ फैसले BSP के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते थे। मायावती के इस सख्त फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि BSP में कोई भी व्यक्ति उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में नहीं है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि BSP में यह बदलाव अप्रत्याशित था। आकाश आनंद को पहले मायावती के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन अब उनका राजनीतिक भविष्य अधर में लटक गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि,BSP में अब भी मायावती ही मुख्य चेहरा बनी रहेंगी। इस फैसले से पार्टी के संगठन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। लोकसभा चुनाव में इसका क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प रहेगा।
BSP सुप्रीमो मायावती का यह ऐलान पार्टी की भविष्य की राजनीति को पूरी तरह प्रभावित करेगा। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह किसी को उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी और खुद ही पार्टी का नेतृत्व करेंगी। इस फैसले के बाद BSP की रणनीति और आंतरिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
Updated on:
02 Mar 2025 05:14 pm
Published on:
02 Mar 2025 03:02 pm
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