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2007 का इतिहास दोहराना चाहती हैं मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा को फिर थमाई कमान, ब्राह्मणों को साधेंगे

मायावती (Mayawati) बसपा (BSP) ने 2007 में ब्राह्मण समाज को साथ लेकर सूबे की सियासत में पहली बार सोशल इंजीनियरिंग जैसी शब्‍दवली प्रचलित की थी, जिसके नतीजे में उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने साल 2006 की तरह एक बार फिर सतीश चंद्र मिश्र (Satish Chandra Mishra) को पार्टी के साथ ब्राह्मणों के साथ प्रबुद्ध वर्ग को जोड़ने की जिम्मेदारी दी है।

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Jul 23, 2021

2007 का इतिहास दोहराना चाहती हैं मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा को थमाई कमान, ब्राह्मणों को फिर साधेंगे

2007 का इतिहास दोहराना चाहती हैं मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा को थमाई कमान, ब्राह्मणों को फिर साधेंगे

अयोध्या. बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) आज राम नगरी अयोध्या (Ayodhya) से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Election 2022) के प्रचार अभियान का आगाज करेगी। इसी क्रम में बसपा (BSP) का ब्राह्मण सम्मेलन आज अयोध्या में आयोजित हो रहा है। हालांकि अब इस का नाम पार्टी ने प्रबुद्ध वर्ग के सम्मान में विचार गोष्ठी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक आज 23 जुलाई को अयोध्या के बाद 29 जुलाई तक अलग-अलग जिलों में इस गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें 24-25 को अंबेडकर नगर में कार्यक्रम होना है। उसके बाद 26 जुलाई को इलाहाबाद में गोष्ठी होगी, फिर 27 को कौशांबी, 28 को प्रतापगढ़ और 29 को सुल्तानपुर में कार्यक्रम होना है। इन सभी कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के सबसे करीबी नेताओं में शुमार सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) रहेंगे। वहीं नकुल दुबे, दूसरे बसपा के विधायक और सांसद भी मौजूद रहेंगे।

इतिहास दोहराने की फिराक में मायावती

आपको बता दें कि बसपा ब्राह्मण समाज को साथ लाकर उत्‍तर प्रदेश में 2007 का इतिहास दोहराना चाह रही है। बसपा ने 2007 में ब्राह्मण समाज को साथ लेकर सूबे की सियासत में पहली बार सोशल इंजीनियरिंग जैसी शब्‍दवली प्रचलित की थी, जिसके नतीजे में उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने साल 2006 की तरह एक बार फिर सतीश चंद्र मिश्र को पार्टी के साथ ब्राह्मणों के साथ प्रबुद्ध वर्ग को जोड़ने की जिम्मेदारी दी है। बसपा के साथ इस वर्ग को जोड़ने के लिए इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित किया जाएगा। वह प्रदेश के सभी 75 जिलों में जाएंगे और विचार-गोष्ठी करेंगे।

ब्राह्मण सम्मेलन का नाम बदलकर बसपा विचार संगोष्ठी

आपको बता दें कि अयोध्या में आज से होने वाले विशाल ब्राह्मण सम्मेलन में बड़ा उलटफेर भी हुआ है l क्योंकि हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता द्वारा जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की गई थी। क्योंकि साल 2013 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जातीय सम्मेलनों पर रोक लगाई थी। ऐसे में न्यायालय की एडवाइजरी के बाद BSP ने कार्यक्रम की रूपरेखा बदली और इसे ब्राह्मण सम्मेलन की जगह बसपा विचार संगोष्ठी नाम दिया है। बसपा इसमें ब्राह्मण समाज के सम्मान सुरक्षा और तरक्की को लेकर विचारों का आदान-प्रदान करेगीl इसमें शामिल होने के लिए आज दोपहर 12 बजे बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या पहुंच रहे हैं। आज यह कार्यक्रम अयोध्या के ताराजी रिसॉर्ट में होगा। अयोध्या जिला प्रशासन के मुताबिक बसपा के कार्यक्रम में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है।

रामलला और हनुमानगढ़ी में करेंगे दर्शन-पूजन

बसपा का विचार संगोष्ठी कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक होना है। ब्राह्मण समाज के सम्मान, सुरक्षा और तरक्की के विषय पर संगोष्ठी को सतीश चंद्र मिश्र संबोधित करेंगे। संगोष्ठी से पहले सतीश चंद्र मिश्रा रामलला और हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे l सतीश मिश्रा का अयोध्‍या के साधु संन्‍यासियों से मिलकर आशीर्वाद लेने का भी कार्यक्रम है। बसपा की यह ब्राह्मण संगोष्ठी अयोध्या से शुरू होकर प्रदेश के सभी 18 मंडलों पर होगीl सम्मेलन के लिए बसपा नेता करुणाकर पांडेय और पूर्व विधायक पवन पांडेय ने प्रसिद्ध कथावाचक जगदगुरु रामानुजाचार्य, स्वामी राघवाचार्य सहित कई संतों से मिलकर आशीर्वाद लिया। हालांकि जगद्गुरु रामानुजाचार्य और डॉ. राघवाचार्य ने कहा है कि बसपा के सम्मेलन से उनका कोई नाता नहीं है। उन्होंने कहा कि वो साधु हैं, उनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं।

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