
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने दावा किया है कि वह बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) को विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार थे। इसके लिए उन्होंने मायावती को संदेश भी भिजवाया लेकिन वह केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दबाव से इतना डरी थीं कि उन्होंने विस चुनाव नहीं लड़ा। राहुल ने कहा कि बीएसपी चीफ ने उनके मैसेज का जवाब तक नहीं दिया।
पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बोले राहुल
'द दलित टूथ : द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन' पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमने बसपा के सामने गठबंधन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन लगता है कि बसपा प्रमुख मायावती ने किसी बड़े डर के कारण इसको स्वीकार नहीं किया। इस मौके पर राहुल ने कांशीराम (Kanshi Ram) की चर्चा करते हुए कहा कि कांशीराम जी ने उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज उठाई, हालांकि इससे कांग्रेस पर असर पड़ा। इसके विपरीत मायावती जी इस बार उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ीं, क्योंकि सीबीआई, ईडी और पेगासस का डर है।
कांशीराम ने दलितों को बनाया सशक्त
कांग्रेस नेता ने कहा कि मायावती तो अब ईडी तथा सीबीआई के डर से अब चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। हम तो कांशीराम का सम्मान करते हैं, जिन्होंने दलितों को सशक्त बनाया। इसके विपरीत मायावती पेगासस, सीबीआई तथा ईडी के डर के कारण कोई भी चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं।
विस चुनाव में कांग्रेस को मिली थी दो सीट
गौश्रतलब है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी सभी 403 पर अकेले चुनाव लड़ी थीं। बसपा को एक तथा कांग्रेस को दो सीट मिली है। भाजपा गठबंधन को 273 तथा समाजवादी पार्टी गठबंधन को 125 सीट मिली थी।
Published on:
09 Apr 2022 06:47 pm
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