
मंत्री के आरोपों ने खोली सिस्टम की परतें, सीएम को लिखी शिकायत ने मचाई खलबली फोटो सोर्स : Social Media
Minister Vs Bureaucracy: उत्तर प्रदेश में सत्ता का केंद्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, पर सवाल यह उठ रहा है कि क्या हकीकत में सरकार चलाने वाली ताकत नौकरशाही बन चुकी है? यह सवाल और अधिक गंभीर हो गया है जब राज्य सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अफसरशाही के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और उसमें गंभीर आरोप लगाए।
यह किसी विपक्षी पार्टी का आरोप नहीं, बल्कि सत्ता के केंद्र में बैठा एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री यह बात कह रहा है कि "फाइलें मंगाने पर अफसर डंप कर देते हैं," और "दो साल से मेरे निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।" इससे यह सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ें कमजोर हो रही हैं?
नंद गोपाल नंदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा है कि उनके विभाग के अधिकारी न तो उनकी बात सुन रहे हैं और न ही शासनादेशों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि अफसर नीतियों को दरकिनार कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं, और मंत्री के निर्देशों को नजरअंदाज कर पत्रावलियां गायब कर दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि उनके द्वारा मांगी गई तमाम महत्वपूर्ण फाइलें दो वर्षों से रोकी गई हैं, जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश के बावजूद उन्हें प्रस्तुत नहीं किया गया। मंत्री का यह पत्र लीक होते ही नौकरशाही और राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है।
नंद गोपाल नंदी यूपी सरकार में औद्योगिक विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री हैं और प्रयागराज से विधायक हैं। वे बीजेपी के मजबूत नेताओं में गिने जाते हैं और पहले भी कई बार प्रशासनिक रवैये को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। इस बार मामला बेहद गंभीर है क्योंकि उन्होंने औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
नंदी के पत्र के कुछ महत्वपूर्ण अंश:
मंत्री ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि उन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को ऐसे मामलों की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी थी, जिसमें अधिकारियों के व्यवहार व अनियमितताओं का विस्तृत विवरण था। इसके जवाब में 29 अक्टूबर को सभी संबंधित फाइलों को एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी कोई फाइल मंत्री को नहीं दी गई।
उत्तर प्रदेश के कई मौकों पर मंत्रियों और विधायकों की शिकायतें सामने आती रही हैं कि उनके आदेशों की अनदेखी की जाती है:
नंदी के पत्र के सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर हलचल मच गई है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग अब मंत्री के आरोपों का "पुख्ता जवाब" तैयार कर रहा है। शीर्ष स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी आरोपों की जांच की जाए और एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाए। हालांकि विभाग के कुछ पूर्व अधिकारियों ने यह भी कहा है कि मंत्री की शिकायतों में "राजनीतिक दबाव" शामिल हो सकता है, और कुछ निर्णय नीति के अंतर्गत ही लिए गए हैं। मगर जब मंत्री स्वयं सवाल उठाए, तो इसे सिरे से नकारना संभव नहीं।
Published on:
08 Jul 2025 01:10 pm
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