<strong>इलाहाबाद:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपना 2007 में पहला चुनाव लड़ा। जिसमें बहुजन समाज पार्टी से वह शहर दक्षिणी के प्रत्याशी हुए। इस चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता केशरी नाथ त्रिपाठी और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रही। रीता बहुगुणा जोशी को भी नंदी से हार का सामना करना पड़ा। वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की लहर में नंदी को हार का सामना करना पड़ा।इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेता परवेज अहमद टंकी को जीत मिली और नंदी को हार का सामना करना पड़ा। बीते 2014 के लोकसभा चुनाव में नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बसपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इलाहाबाद की सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हुए। इस चुनाव में मोदी की लहर होने के बावजूद भी नंद गोपाल गुप्ता नंदी को 2 लाख से ज्यादा वोट मिले। लेकिन वह जीत नहीं सके। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की श्यामाचरण गुप्ता को भारतीय जनता पार्टी की जीत मिली। तो वहीं एक बार फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने शहर दक्षिणी से ताल ठोकी और फिर विधानसभा पहुंचे और एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। बीते विधानसभा चुनाव में नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपने घोषणापत्र में अपनी चल अचल संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा की दर्शायी थी। 2016-17 के एफिडेविट में इनकी संपत्ति 57 करोड़ है। नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी 2012 में इलाहाबाद की महापौर चुने गए इस चुनाव में अभिलाषा गुप्ता नंदी को बहुजन समाज पार्टी का समर्थन हासिल था। वहीं नंद गोपाल नंदी 10वीं ही पास हैं। शुरू से ही यह व्यापार में ध्यान दे चुके थे। अभी हाल में ही बीते महापौर चुनाव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी से अभिलाषा गुप्ता नंदी महापौर की उम्मीदवार बनाई गई। भारी मतों से अपने विरोधियों को हराते हुए फिर शहर की सरकार बनाने में सफल रही।
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