scriptMission Power Effect: महिला अपराध से जुड़े 14 आरोपियों को फांसी की सजा, 62 मामले पहुंचे कोर्ट | Mission power effect: 14 accused related to women's crime to be hanged | Patrika News
लखनऊ

Mission Power Effect: महिला अपराध से जुड़े 14 आरोपियों को फांसी की सजा, 62 मामले पहुंचे कोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का यह असर है कि मिशन शक्ति के शुरुआती दिनों में इसका असर दिखना शुरू हो गया है। 54 मामलों के 62 आरोपियों के विरुद्ध पत्रावलियां कोर्ट में पहुंचाई गईं। आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई हुई जिसमें से 11 मामलों में 14 आरोपियों को सजा सुनाई गई

लखनऊOct 23, 2020 / 05:05 pm

Ritesh Singh

Mission Power Effect: महिला अपराध से जुड़े 14 आरोपियों को फांसी की सजा, 62 मामले पहुंचे कोर्ट

Mission Power Effect: महिला अपराध से जुड़े 14 आरोपियों को फांसी की सजा, 62 मामले पहुंचे कोर्ट

लखनऊ. महिलाओं और बच्चों को स्वावलंबी बनाने, उन्हें सुरक्षा देने और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति का शुभारंभ किया था। अब इस अभियान का असर दिशखना शुरू हो गया है। मिशन शक्ति के शुरुआती दिनों में ही कुल 54 मामलों के 62 आरोपियों के विरुद्ध पत्रावलियां कोर्ट में पहुंचाई गईं। आरोपियों पर कार्रवाई की गई है जिसमें से 11 मामलों में 14 आरोपियों को सजा सुनाई गई। सभी आरोपियों को फांसी की सजा का एलान किया गया है। इसके अलावा ऐसे 11 मुकदमों में 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई है। इसी तरह 28 मुकदमों में 30 आरोपियों के खिलाफ पत्रावलियां सत्र न्यायालय पहुंचाई गईं, जिनमें विचारण शुरू नहीं हो पा रहा था। अब इन पर भी जल्द से जल्द कार्यवाही शुरू हो जाएगी।
इसे भी पढ़े: Mission Shakti : महिलाओं से छेडख़ानी तो खैर नहीं, पकड़े जाने पर पूरे शहर में लगेंगे पोस्टर

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक मिशन शक्ति अभियान के शुरू होते ही अभियोजन अधिकारियों ने बड़ी सफलता हासिल की है। फांसी व आजीवन कारावास के अलावा महिलाओं व बच्चों के साथ हुई संगीन घटनाओं के आठ मामलों में 22 आरोपितों को कारावास व आर्थिक दंड की सजा दिलाई गई। इसके अलावा 347 आरोपितों की जमानत निरस्त कराने में भी सफलता हासिल की गई। साथ ही गुंडा एक्ट के तहत 101 आरोपितों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई की गई। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि दुष्कर्म के मामलों में कड़ी पैरवी कर आरोपियों को फांसी की सजा सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
इसे भी पढ़े : मिशन शक्ति : यूपी पुलिस में अब 20 फीसद पद बेटियों के लिए, हर थाने में महिला डेस्क

यूपी नंबर वन,17 लाख सूचनाएं दर्ज

ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर सबसे ज्यादा करीब 17 लाख सूचनाएं दर्ज कर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। वहीं करीब 23 हजार सूचनाएं दर्ज कर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। जबकि, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, बिहार, असम, तमिलनाडु, राजस्थान व गुजरात काफी पीछे चल रहे हैं।
इन मामलों में फांसी की सजा

– लखनऊ में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपी बबलू को सजा
– मुजफ्फरनगर में फिरौती के लिए अपहरण व हत्या में आरोपित कलीम उर्फ कल्लू को सजा
– औरैया में किशोरी की घर में घुसकर हत्या में आरोपित अजय कुमार को सजा
– रामपुर में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित नाजिल को सजा
– अयोध्या में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित संतोष नट व तेजपाल नट को सजा।
– आगरा की दो घटनाओं में भी आरोपितों को सजा इन मामलों में भी सुनाई सजा
– हापुड़ में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में आरोपित अंकुर तेली व सोनू उर्फ पउवा को सजा।
– अमरोहा में वृद्धा से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित उपेन्द्र को सजा
– बरेली में किशोरी से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित मुरारी लाल व उमाकांत गंगवार को सजा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो