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UP Politics: लोकसभा चुनाव में बीजेपी से गठबंधन कर सकती है ये पार्टी, पूर्वांचल मुसलमानों में है अच्छी पकड़

UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद अयूब का सियासी चश्मा अब बदल चुका है । उन्हें अब भाजपा जैसे दलों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने में कोई गुरेज नहीं है।

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लखनऊ

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Anand Shukla

Nov 22, 2023

Mohammed Ayub Peace Party want Alliance with bjp before lok sabha election 2024

बीजेपी से गठबंधन करना चाहती है पीस पार्टी

UP Politics: लोकसभा चुनाव को देखते सभी राजनीतिक दल अपने हिसाब से गठजोड़ करने में जुट गए हैं। इसी बीच में पीस पार्टी के प्रमुख मोहम्मद अयूब का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी का कोई दुश्मन नहीं हैं और अगले साल होने वाले चुनाव में वो एनडीए, इंडिया और बसपा किसी के भी साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है। इसके बाद से सियासी गलियों में चर्चा तेज हो गई है।

दरअसल, पिछले साल मोहम्मद अयूब ने बीजेपी को मुस्लिमों का दुश्मन बताया था और कभी समर्थन ना करने का ऐलान किया था। लेकिन उन्होंने जो अब हालिया बयान दिया है, वह एकदम उलट है।

एनडीए से गठबंधन की रखी शर्त
पिछले 15 साल के दौरान हुए तीन लोकसभा और तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ पीस पार्टी चुनाव लड़ चुकी है। पीस पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद अयूब का सियासी चश्मा बदल चुका है। एनडीए से गठबंधन पर मोहम्मद अयूब ने कहा कि एनडीए और बीजेपी अलग- अलग हैं। बीजेपी एनडीए का नेतृत्व करती हैं। इस दौरान उन्होंने गठबंधन की सिर्फ एक शर्त रखी है कि जो भी दल या गठबंधन उन्हें चुनाव में कम से कम एक सीट देगा वो उसके साथ जाएंगे।

सभी दल मुसलमानों का वोट लेने से करते हैं परहेज
मोहम्मद अयूब ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने मुस्लिम समाज को सिर्फ एक वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। ये तीनों दल चुनाव में मुस्लिमों का वोट तो लेते हैं, पर जब सत्ता में आते हैं तो इस समाज को न तो भागीदार बनाते हैं और न ही इनका ख्याल रखते हैं।

माना जा रहा है कि यही वजह है कि डॉ. अयूब अब भाजपा की तरफ भी दोस्ती का हाथ बढ़ाने के प्रयास में जुटे हैं। एनडीए से गठबंधन को लेकर उनके हाल के बयान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

साल 2008 में पार्टी की गठन के बाद पूर्वांचल में पसमांदा मुस्लिमों के बड़े नुमाइंदे के तौर पर डॉ. अयूब अपनी पहचान बना चुके हैं। डॉ. अयूब ने पार्टी के गठन के बाद 2012 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर जीती थी। डॉ. अयूब खुद खलीलाबाद सीट से विधायक चुने गए थे। इसके अलावा रायबरेली, कांठ और डुमरियागंज सीट भी पीस पार्टी के खाते में गई थी। हालांकि, इसके बाद किसी भी चुनाव में पार्टी नहीं जीती है।

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