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UP: कैसे पढें और बढ़ें? जब एक करोड़ से ज्यादा छात्रों को अब तक नहीं मिलीं किताबें

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में आधा शैक्षिक सत्र बीतने की कगार पर है लेकिन किसी प्रदेश के किसी भी जिले में श्त-प्रतिशत किताबों का मिलना संभव नहीं हो पाया है।

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लखनऊ

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Jyoti Singh

Sep 13, 2022

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उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में खस्ता हालत देखकर यही सवाल मन में आता है कि आखिर कैसे पढ़ेंगे और आगे बढ़ेंगे बच्चे, जब अभी तक नहीं मिली हैं उन्हें किताबें? बच्चे भले ही दो साल के लंबे गैप के बाद स्कूल पहुंचे हो लेकिन उन्हें अभी तक किताबों के मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है। जिससे उनका भविष्य अधर में लटका है। अब तो हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि आधा शैक्षिक सत्र बीतने की कगार पर है लेकिन किसी प्रदेश के किसी भी जिले में श्त-प्रतिशत किताबों का मिलना संभव नहीं हो पाया है। जबकि इसी साल चार अप्रैल को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बहराइच के पास श्रावस्ती जिले में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ करते हुए दो करोड़ बच्चों को एडमिशन दिलाने का लक्ष्य तय किया था। जिसपर अधिकारियों ने हामी तो भरी लेकिन इसकी तैयारी करने में चूक गए।

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एक करोड़ 92 लाख बच्चों के हो चुके एडमिशन

बात दें कि प्रदेश के 1.33 लाख प्राथमिक स्कूलों में अब तक करीब एक करोड़ 92 लाख बच्चों के एडमिशन हो चुके हैं। हालांकि अभी एडमिशन लेने वाले बच्चों की संख्या और बढ़ रही है। लेकिन स्कूल की तैयारियां अधूरी हैं। ज्ञात हो कि प्राथमिक विद्यालयों में 30 सितंबर तक प्रवेश दिया जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सात जून को सभी बच्चों के लिए 11 करोड़ 50 लाख किताबें छपवाने का 13 प्रकाशकों के साथ करार किया। इसमें तय हुआ था कि पांच सितंबर तक सभी जिलों में किताबें पहुंच जाएंगी। इसके लिए प्रकाशकों ने कुछ किताबों की आपूर्ति जुलाई माह के आखिरी तक कर दी लेकिन पांच सितंबर तक किसी भी जिले में शत.प्रतिशत आपूर्ति नहीं कर सके हैं।

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13 में से 12 प्रकाशकों को दिया जा चुका है नोटिस

आपको बता दें कि प्रदेश के अभी भी कई जिले ऐसे हैं, जहां किताबें अभी 50 प्रतिशत भी नहीं पहुंच सकी हैं। इनमें से अधिकतर जिलों में जिला मुख्यालयों या फिर विकासखंड मुख्यालयों पर ही किताबें जमा हैं, यही वजह है कि 13 में से 12 प्रकाशकों को नोटिस दिया जा चुका है और करीब छह जिलों को आपूर्ति में ढिलाई करने पर नोटिस भेजी गई है। वहीं पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी का कहना है कि अब तक आठ करोड़ 75 लाख किताबों की आपूर्ति हो गई है। इनमें मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, उन्नाव व बांदा में करीब 95 प्रतिशत से ज्यादा की आपूर्ति हो चुकी है।