MSME Loan Papers क्या दिक्कतें हैं आम तौर पर इस तरह के लोन से जुड़ी जानकारी की कमी होने से ज्यादातर दिक्कतें आती हैं। क्रेडिट और लेन-देन इतिहास का खराब रिकॉर्ड रखना होना। पर्याप्त कागजी जानकारी और उनका समय पर उपलब्ध नहीं होना भी बड़ी समस्या खड़ी करता है।
ऐसे में एमएसएमई को कर्ज देने से पहले बैंक इस बात का आंकलन सही समय पर मुश्किल हो जाता है यह लोन के लिए जरूरी समय को बहुत लंबा बना देता है। मंजूर होने वाले लोन पर उच्च ब्याज दर होती है। इस अड़चन को दूर करने के लिए, एमएसएमई को अपने वित्तीय स्वास्थ्य का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
CCR (Company Credit Report) एमएसएमई के ज़रिए लोन लेने से पहले सिबिल रैंक और कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समझना होगा। कंपनी के क्रेडिट इतिहास का एक रिकॉर्ड है। इससे दिखाई पड़ता है कि कंपनी का फाइनेंस से जुड़ा रिकार्ड कैसा रहा है। कोई भी बैंक इसे जरूर देखता है। सीसीआर के आधार पर लोन देते हैं।
CIBIL Rank Report एमएसएमई लोन के लिए ये भी महत्वपूर्ण होता है। आम तौर पर अगर किसी कंपनी की सिबिल रैंक 1 और 4 के बीच है, तो लोन मिलने की संभावना बहुत अधिक होती है।
GST Report बिजनेस के जीएसटी रिटर्न पर आधारित है और इसमें जीएसटी फाइलिंग सारांश, भुगतान किए गए जीएसटी की महीने-वार ट्रेंड रिकॉर्ड, मासिक बिक्री और खरीद डेटा का रिकॉर्ड (विस्तार से टुकड़ों सहित) और पिछले 24 महीनों में बिक्री और खरीद के ट्रेंड की तुलना जैसी डिटेल शामिल हैं। जीएसटी रिपोर्ट जीएसटी पोर्टल से लिए गए आंकड़ों पर आधारित है, इसलिए यह बैंकों के लिए जानकारी का एक विश्वसनीय स्रोत है और कर्ज लेने की योग्यता के आकलन की प्रक्रिया में तेजी ला सकता है.
How To Take MSME Loan
जीएसटी रिपोर्ट के साथ सिबिल रैंक और सीसीआर का उपयोग करने के फायदे जैसा कि स्पष्ट है, जीएसटी रिपोर्ट के साथ सिबिल रैंक और सीसीआर कारोबार का एक 360 डिग्री दृश्य सामने रखता है, जिसमें क्रेडिट हिस्ट्री और ओवरऑल फाइनेंशियल जानकारी होती है। यह उधारकर्ताओं के साथ-साथ उधारदाताओं के लिए उधार देने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसके कई लाभ हैं, यहाँ कुछ सबसे महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं यह रिपोर्ट एमएसएमई मालिकों को अपने वित्तीय स्वास्थ्य की पूरी समझ रखने में मदद करती है। एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों के साथ-साथ औपचारिक ईकोसिस्टम से लोन के अधिक अवसर मिलते हैं। कुछ ऋणदाता एमएसएमई को 1 और 4 के बीच सिबिल रैंक वाली अच्छी ब्याज दरों की पेशकश करते हैं।
इन रिपोर्टों के माध्यम से बैंकों को कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य की कुल जानकारी मिल जाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि एमएसएमई को समय पर पूंजी मिल सके। यह कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य का प्रमाण होता है, इसलिए सरकारी निविदाओं के लिए परियोजना प्रस्ताव पेश करना आसान हो जाता है।