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Atiq Ahmed: मुख्तार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से सजा हो सकती है तो अतीक को क्यों नहीं? आइए जानते हैं?

Atiq Ahmed: अतीक अहमद को किडनैपिंग मामले में कोर्ट में पेश करने के लिए गुजरात से प्रयागराज लाया गया है। कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी। ऐसे में अब सबके मन में सवाल उठ रहा है कि मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सजा सुनाई जा चुकी है तो अब अतीक को क्यों नहीं?

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लखनऊ

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Anand Shukla

Mar 28, 2023

Atiq Ahmed and Mukhtar Ansari

अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी (बाएं से दाएं)

माफिया अतीक अहमद को गुजरात से प्रयागराज लाया गया है। प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में अतीक को पेश किया जाएगा। उसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा लेकिन एक बात सभी के मन में उठ रही है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतीक को सजा सुनाई जा सकती थी फिर अतीक को क्यों लाया गया?

दरअसल दिसंबर माह में मुख्तार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई गई थी। मुख्तार को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में दस साल का कारावास और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। ऐसे में अतीक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा क्यों नहीं सुनाई गई। उसे लाने में इतना तानाबाना क्यों बुनना पड़ा?

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आरोपी का पक्ष लेने के लिए कोर्ट में पेश होना जरुरी

कानून के जानकार बताते हैं कि माफिया अतीक अहमद पिछले 4 सालों से गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। जब उमेशपाल किडनैपिंग केस की सुनवाई चल रही थी। उस समय अतीक अहमद कोर्ट में पेश नहीं हो सका है। जब अदालत किसी मामले में आरोप तय कर देती है तो दोषी पाए गए अभियुक्तों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ता है ताकि सजा सुनाए जाने से पहले उसका पक्ष भी लिया जा सके।

इसी वजह से अतीक अहमद को गुजरात से प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट में पेश करने के लिए लाया गया है। वहीं मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी पहले हो चुकी थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसके बाद कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए फैसला सुना दिया था।


गुजरात पहुंचने तक नहीं थी किसी को जानकारी

20 मार्च को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने अतीक को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया था। न्यायाधीश ने इसकी कॉपी केवल प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा को भेजी थी।

अतीक को गुजरात से लाने के लिए मामला गुपचुप रखा गया। इसकी जानकारी केवल चुनिंदा अफसरों को थी। इस पूरे ऑपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था। जिन पुलिसकर्मियों को अतीक को लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उनको भी गुजरात पहुंचने तक कुछ नहीं पता था। जब पुलिसकर्मी गुजरात पहुंच गए उसके बाद उन्हें पता चला कि अतीक को यहां से प्रयागराज ले जाना है।

24 घंटे के बाद अतीक पहुंचा प्रयागराज

अतीक अहमद सोमवार को 24 घंटे के सफर के बाद प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल पहुंच चुका है। उनका छोटा भाई अशरफ भी पहुंच चुका है। उसे आज कोर्ट में पेश होना है। उमेशपाल अपहरण केस कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा।

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