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माय अमेजिंग अलवर : साथी हाथ बढ़ाना, मिलकर बोझ उठाना…

साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना, साथी हाथ बढ़ाना... साठ के दशक की हिन्दी फिल्म का ये गीत आज भी आपसी सहभागिता से गांव-शहर की तस्वीर बदलने का संदेश देता है।

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लखनऊ

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aniket soni

Oct 06, 2016

साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना, साथी हाथ बढ़ाना... साठ के दशक की हिन्दी फिल्म का ये गीत आज भी आपसी सहभागिता से गांव-शहर की तस्वीर बदलने का संदेश देता है। इसी थीम पर अलवर के तहसील परिसर में करीब डेढ़ दशक से आपसी सहभागिता से सफाई कराई जा रही है। ये ही कारण है कि अलवर शहर अब 'अमेजिंग अलवर' बनना चाहता है, और इसमें हर कोई बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रहा है।

पत्रिका के 'आओ बनाएं अमेजिंग अलवर' अभियान का ही असर है कि लोग इसमें रुचि ले रहे हैं, जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही निवेशक व अलवर में रहकर खास मुकाम पाने वाले लोग भी शामिल है। सभी एकजुट होकर 'डिवाइड एण्ड डवलप' के रूप में कुछ खास इलाकों को विकसित कर उसे सुन्दर बनाए रखने की चाह रखते हैं। एेसी सभी संस्थाएं, क्लब, सोसायटी के साथ ही क्षेत्रीय व मल्टीनेशनल कम्पनी प्रतिनिधि जिला कलक्टर, यूआईटी सचिव, शहर विधायक, सभापति, यूआईटी चेयरमैन व पार्षद सहित अन्य जिम्मेदार प्रतिनिधियों से सम्पर्क साधने में लगे हैं।

जिला प्रशासन खुद भी गंभीर

जनसहभागिता से विकास कराने को लेकर जिला प्रशासन खुद गंभीर है। जैसे ही राजस्थान पत्रिका ने अलवर को अमेजिंग बनाने के लिए पहल की, तो जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल व यूआईटी सचिव हिमांशु गुप्ता ने शहर के सर्किल, पार्क, रोड व हरियाली विकसित करने के इच्छुक लोगों की बैठक बुलाई है। इनसे प्रस्ताव लेकर उनको कार्य करने की मंजूरी दी जाएगी।

बैठक में करेंगे मंथन

कुछ संस्था, क्लब, कम्पनी के प्रतिनिधियों के मौखिक प्रस्ताव मिलने के बाद जिला कलक्टर व यूआईटी सचिव ने गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे यूआईटी कार्यालय में बैठक बुलाई है। इसमें इन लोगों से विचार-विमर्श किया जाएगा। रोटरी क्लब तैयार
रोटरी क्लब अलवर 'माय अमेजिंग अलवरÓ अभियान में पूरी तरह से सहयोग करने के लिए आगे आया हैं। क्लब अध्यक्ष नीरज जैन ने बताया कि यह एक अनोखा अभियान है, जो शहर को बदलने का संदेश देगा।

पिछले डेढ़ दशक से तहसील परिसर में सहभागिता से हो रही सफाई

तहसील परिसर कोतवाली थाने के बगल में स्थित है। परिसर के अन्दर पार्र्किंग स्थल है। यहां काफी संख्या में अधिकारी, पटवार घर के कक्ष हैं। यहां डीडराइट संघ आपस में सहयोग कर करीब 14 साल से नियमित रूप से सफाई करा रहे हैं। तभी तो तहसील परिसर के अन्दर कचरा नहीं दिखता। यहां बकायदा समय-समय पर छत भी साफ होती है, तो नालियों में फिनाइल तक डाली जाती है।

डीडराइट संघ के अध्यक्ष दिनेश भार्गव ने बताया कि सबका सहयोग स्वैच्छा से मिलता है। जिसका जो भी सहयोग है, वे खुद अपने हाथों से हर माह सफाईकर्मी को देते हैं। उन्होंने बताया कि यह मेरा अनुभव है कि शहर के कुछ हिस्से जनसहभागिता से सुंदर बनाए जा सकते हैं। इससे अलवर ही नहीं, पूरे राजस्थान में अलग संदेश जाएगा।

पूरी तरह समर्पित


बनवारी लाल सिंघल शहर विधायक अलवर ने बताया कि हम शहर के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। शहर में विकास कार्यों के लिए जितना भी सहयोग होगा किया जााएगा। जब भी जरूरत होगी आगे रहेंगे।

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