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इस खास मौके पर साथ नहीं दिखे अखिलेश व मुलायम, सपाईयों में असमंजस की स्थिति

locationलखनऊPublished: Aug 21, 2019 05:28:53 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस मौके पर एक साथ न आकर अलग-अलग स्थान पर दिखे, जिससे सपाई ज्यादा खुश नहीं हैं।

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लखनऊ. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) व पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर एक साथ न आकर अलग-अलग स्थान पर दिखे, जिससे सपाई ज्यादा खुश नहीं हैं। अखिलेश यादव जहां इटावा के सैफाई में पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा रहे थे, तो वहीं मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में झंडारोहण किया। कई पार्टी नेताओं का मानना था कि इस मौके पर अखिलेश यादव को अपने पिता के साथ होना चाहिए था। उनका कहना है कि भले ही मुलायम बीते दिनों उनके फैसले से नाखुश हों, खासतौर पर बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने के फैसले से, लेकिन अखिलेश यादव को पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना बेहद जरूरी है कि उन्हें पिता का आशीर्वाद प्राप्त है।
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मौका था अच्छा-

मुलायम सिंह यादव कार्यालय पहुंचे। झंडारोहण के बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया, लेकिन अखिलेश का वहां न होना सभी को ठीक नहीं लग रहा था। स्वतंत्रता दिवस पर पार्टी कार्यालय में आयोजित झंडारोहण कार्याक्रम एक अच्छा मौका था जिसमें अखिलेश यादव पार्टी में साफ संदेश दे सकते थे कि पुत्र और पिता में सब कुछ ठीक है। खासतौर पर तब जब हाल ही में सपा के कुछ राज्यसभा सांसद पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए है, वहीं सपा की एकता को भी तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
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Akhilesh Yadav
प्रदेशव्यापी आंदोलन में नहीं दिखे अखिलेश-

सपा से भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सांसद नीरख शेखर ने कहा था कि हाल में हुए सपा प्रदर्शन में नेत्रत्व की कमी थी। उनका इशारा 9 अगस्त को भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में हुए धरने प्रदर्शन की ओर था। सपा का इस पर कहना था कि अखिलेश यादव के निर्देशन में ही इस आंदोलन को अंजाम दिया गया था, हालांकि कमाल की यह भी है कि अखिलेश उस दिन प्रदेश में थे ही नहीं।
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