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Mob Lynching Incident: आत्मरक्षा के लिए मुस्लिम, दलित करेंगे शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई

- Mob Lynching से आत्मरक्षा के लिए दलित, मुस्लिम सीखेंगे आत्मरक्षा के गुर - 26 जुलाई से लखनऊ में पैन इंडिया मूवमेंट की शुरुआत- मुस्लिम, दलित और आदिवासी सीखेंगे आत्मरक्षा के गुर

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Mob Lynching Incident: आत्मरक्षा के लिए मुस्लिम, दलित करेंगे शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई

लखनऊ. झारखंड के तबरेज अंसारी की भीड़ हिंसा (Mob Lynching) में हत्या के बाद देशभर में नई बहस शुरू हो गई। यूपी भी इससे अछूता नहीं है। भीड़ हिंसा के दोषियों पर अंकुश लगाने और सरकारी मशीनरी की जवाबदेही तय करने की मांग उठने लगी है। इसे ध्यान में रखते हुए लखनऊ समेत प्रदेश के पांच अन्य जिलों में कैंप लगाकर लोगों को जागरुक किया जाएगा। वहीं दलित, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय के लोग मॉब लिंचिंग से बचने के लिए आत्मरक्षा के गुर सीखेंगे। लखनऊ में 26 जुलाई से पैन इंडिया मूवमेंट की शुरूआत होगी, जिसके तहत दलित, मुस्लिम और आदिवासी शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकेंगे।

12 शहरों में आयोजित होगा कैंप

शिया मौलवी और मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जव्वाद (Maulana Kalbe Jawad) और सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा के सुझाव पर पैन इंडिया मूवमेंट के लिए पहले कैंप आयोजन होगा। महमूद प्राचा के अनुसार, 12 शहरों में कैंप आयोजन होगा, जिसमें छह यूपी के शहर होंगे। उनका मानना है कि एससी एसटी और अल्पसंख्यकों को सरकार द्वारा दरकिनार कर दिया गया है। ऐसे लोग जाति के नाम पर भेदभाव का भी शिकार होते हैं। ये लोग आसानी से भीड़ हिंसा का भी शिकार हो जाते हैं। इसलिए मॉब लिंचिंग से बचने के लिए इन लोगो के पास आत्मसुरक्षा के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है।

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प्राचा ने कहा कि अगर सरकार ने घृणा अपराध के अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए होते, तो ऐसा कोई उपाय नहीं करना पड़ता। संविधान और भारतीय दंड संहिता आईपीसी में सख्त कानून हैं, जिन्हें सरकार को लागू करना चाहिए। अगर सरकार कोई ठोस कदम उठाती है, तो हम आंदोलन वापस ले लेंगे।

राजनीति या आपराधिक बैकग्राउंड से जुड़े आवेदक होंगे बाहर

पैन इंडिया मूवमेंट के कैंप में ऐसे लोग आवेदन नहीं कर सकेंगे जिनकी आपराधिक छवि रही हो या जो क्रिमिनल बैकग्राउंड से हों। वहीं जिनका राजनीति से भी ताल्लुक होगा उन्हें भी आवेदन नहीं करने दिया जाएगा। वहीं, एक बार लाइसेंस बनने के बाद आवेदकों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग मिलेगी। हालांकि, अगर किसी ने लाइसेंस का दुरुपयोग किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

पत्रिका से बातचीत में मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि यह मूवमेंट सिर्फ शिया समुदाय के लिए नहीं है बल्कि उन सभी अल्पसंख्यकों के लिए है जो खतरा महसूस करते हैं। कानूनी विशेषज्ञ शिविर आयोजित करने के लिए लखनऊ आएंगे। अन्य संप्रदायों के मौलवियों को भी आंदोलन में शामिल किया जाएगा। अगर कोई ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो जरूर ले सकते हैं। यह पूरी तरह से कानून होगा।