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वो मंदिर जहां आते ही उतर जाता है सांपों का जहर, होती हैं मन्नतें पूरीं

Mysterious Temples in India: देश में कई ऐसे चमत्‍कारिक और रहस्‍यमयी मंदिर हैं, जिनसे जुड़े रहस्‍य आज तक अनसुलझे हैं। देश में कुछ ऐसे मंदिर हैं जिनमें प्रवेश करते ही विषैले से विषैले सांप का जहर उतर जाता है। हालांक‍ि ये आज भी शोध का व‍िषय है क‍ि आख‍िर क्‍या वजह है क‍ि इन जगहों पर अत्‍यंत व‍िषैले सांपों का जहर भी देखते-देखते उतर जाता है।

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लखनऊ

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Aman Pandey

Dec 15, 2023

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हिंदू धर्म में कई ऐसी बातें हैं, जिनका कोई वैज्ञान‍िक प्रमाण तो नहीं मिलता, लेकिन इनके अस्तित्‍व को कोई नकार भी नहीं सकता। ऐसा ही कुछ मंदिरों के बारे में हम बता रहे हैं, जहां जाने मात्र से ही सांप का जहर उतर जाता है। हालांक‍ि ये आज भी शोध का व‍िषय है क‍ि आख‍िर क्‍या वजह है क‍ि इन जगहों पर अत्‍यंत व‍िषैले सांपों का जहर भी देखते-देखते उतर जाता है।

उत्‍तर प्रदेश के बलिया में रामजीत बाबा के नाम से एक ऐसा मंदिर है, जहां विषैले सांप का जहर चुटकियों में उतर जाता है। मान्यता है कि यहां सर्पदंश से पीड़ित व्‍यक्ति को लाया जाता है। मंदिर में दूध, बेलपत्र आदि से पूजा की जाती है और सर्पदंश का जहर उतर जाता है।

यह गांव भी है बेहद न‍िराला
उत्‍तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले से 35 क‍िलोमीटर की दूर पर स्थित शंकरगढ़ का कपारी गांव बेहद न‍िराला है। इस गांव का बच्‍चा-बच्‍चा सांप से खेलता है। यहां सांपों को घर का सदस्‍य माना जाता है। इस गांव में सांपों के साथ बड़े क्‍या बच्‍चे भी खूब खेलते हैं। लेकिन आज तक यहां क‍िसी को भी सांपों ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। इस गांव को सपेरों के गांव से भी जाना जाता है। हालांक‍ि सांपों के साथ इस दोस्‍ती का राज क्‍या है यह तो आज तक कोई नहीं जान पाया। लेकिन दावा है क‍ि आज तक इस गांव में कभी क‍िसी की भी मृत्‍यु सांपों के काटने से नहीं हुई।

इस मंदिर में आते ही उतर जाता है जहर
बिहार के व‍िषहरा में स्‍थापित आदि शक्ति मां मंद‍िर की तो ऐसी महिमा है क‍ि यहां आते ही सांपों का जहर उतर जाता है। जी हां, अगर क‍िसी को सांप ने काटा हो और वह इस मंद‍िर में आ जाए तो मंद‍िर प्रांगण पहुंचते ही उसका जहर उतर जाता है। इस मंद‍िर में प्रत्‍येक मंगलवार को भक्‍तों की भीड़ लगती है। श्रद्धालु इस द‍िन नाग देवता की दूध, लावा और बेलपत्र से पूजा करके उनसे सुख-समृद्धि की मनौती मांगते हैं। मान्‍यता है यहां मांगी मुराद पूरी होती है।

इस स्‍थान पर स्‍मरण मात्र से उतर जाता है जहर
उत्‍तराखंड के जौनसार बावर के गांव सुरेऊ में सांप काट ले तो क‍िसी भी तरह के इलाज की जरूरत नहीं होती। स्‍थानीय न‍िवास‍ियों के मुताब‍िक यह गांव चारों ओर से जंगलों से घिरा है, इसलिए यहां अमूमन सांप न‍िकलते रहते हैं। लेकिन इनके काटने से आज तक क‍िसी की मृत्‍यु नहीं होती। यहां स्‍मरण मात्र से ही सांपों का जहर उतर जाता है। बताया जाता है क‍ि इस गांव में सदियों से नागों की पूजा होती आ रही है इसलिए इस मान्‍यता है क‍ि इस गांव पर नाग देवता की कृपा है। गांव में हर साल 13 अप्रैल को नाग देवता की व‍िशेष पूजा-अर्चना का व‍िधान है। इसमें शाम‍िल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। कहते हैं यहां सच्‍चे मन से मांगी गई हर मन्‍नत नाग देवता पूरी करते हैं।


यहां सबकी है सांपों के साथ गहरी दोस्‍ती
रायपुर के ड‍िघारी गांव में भी लोगों की सांपों के साथ गहरी दोस्‍ती। यहां कभी भी कोई न तो सांपों को मारता है और न ही सांप क‍िसी को काटते हैं। कहते हैं क‍ि अगर कहीं क‍िसी को सांप ने काटा हो और वह यहां आ आए तो उसका जहर उतर जाता है। इसके पीछे यह बताया जाता है क‍ि सद‍ियों पहले इस गांव में क‍िसी ब्राह्मण ने सांप की जान बचाई थी। मान्‍यता है यह उस सांप का ही वरदान है क‍ि इस गांव में कभी क‍िसी को सांप नहीं काटता। व‍हीं दूसरी जगह से अगर कोई आए ज‍िसे सांप ने काटा हो तो सांप की कृपा से उसकी जान बच जाती है।

नोट-यह खबर मान्यताओं और कहानियों पर आधारित है। पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता है।