
गर्भ में पल रहे शिशु के Gender की जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर शिकंजा कसें। Gender की जांच करने वाले सेंटरों का पता बताने वाले लोगों को मुखबिर योजना का लाभ प्रदान किया जाए। ये निर्देश उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के सभी 75 जिलों के सीएमओ को ये निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत मुखबिर योजना के लिए पर्याप्त बजट जारी किया गया है। प्रदेश में इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाना चाहिए। गर्भास्थ शिशु के Gender की पहचान करना अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मुखबिरों को मिलेगा पुरस्कार
जनसमुदाय की ओर से सफल डिकॉय ऑपरेशन करवाने पर मुखबिर को 60 हजार रुपये, मिथ्या ग्राहक को एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। मिथ्या ग्राहक सहायक को 40 हजार रुपये की धनराशि पुरस्कार के रूप में तीन किस्तों में दावा करने पर अनुमन्य की जाएगी। वहीं, प्रत्येक मण्डल को 25 हजार और जनपद को 50 हजार टीए-डीए प्रदान किया जाएगा।
नियमों की अनदेखी पर सील करें सेंटर
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि निरीक्षण के समय यदि नियमों की अनदेखी मिलती है तो ऐसी दशा में संबंधित केन्द्र की समस्त अल्ट्रासाउंड व गर्भधारण पूर्व Gender की पहचान करने वाली सभी मशीनों को सील किया जाए। साथ ही सुबूतों को मूल रूप में जब्त किया जाए।
Published on:
14 Mar 2023 08:04 am
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