
ऑपरेशन सिंदूर: नया भारत, नई रणनीति
Wing Commander Vyomika Singh Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में कई जवान शहीद हुए और कई घरों के चिराग बुझा दिए गए। हमले के 15 दिन बाद भारत ने इसका करारा जवाब 2 मई की आधी रात को दिया, एक ऐसा जवाब जिसने न सिर्फ आतंकियों के मंसूबे तोड़े, बल्कि पाकिस्तान को भी सख्त संदेश दिया कि ये नया भारत है, जो चुप नहीं बैठता।
इस ऑपरेशन में जो नाम सबसे अधिक सुर्खियों में आया, वह है, विंग कमांडर व्योमिका सिंह। लखनऊ की रहने वाली व्योमिका भारतीय वायुसेना की स्पेशलिस्ट हेलिकॉप्टर पायलट हैं। वह 21 वर्षों से वायुसेना में सेवा दे रही हैं और उनके पास 2500+ घंटे की फ्लाइंग का अनुभव है। चेतक और चीता जैसे हेलिकॉप्टरों को कठिन इलाकों में ऑपरेट करने की विशेषज्ञता रखने वाली व्योमिका ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी लीडरशिप से सबको प्रभावित किया।
7 मई को आधी रात 1:05 बजे, भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई।
ऑपरेशन को "ऑपरेशन सिंदूर" नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह उन महिलाओं को समर्पित था जिनके पतियों को पहलगाम में आतंकियों ने निशाना बनाया था। उनके सिंदूर को सम्मान देने और आतंक के खिलाफ सशक्त संदेश देने के लिए यह नाम चुना गया।
सुबह 10:30 बजे, इस सैन्य ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग की गई, जिसमें विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी मौजूद थीं। दोनों अधिकारियों ने संयम और गर्व के साथ बताया कि कैसे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और भारत ने एक सटीक, सर्जिकल और नैतिक रूप से जिम्मेदार प्रतिक्रिया दी।
व्योमिका सिंह का सपना पायलट बनने का तभी जागा जब वो छठी कक्षा में पढ़ती थीं। उनके नाम का अर्थ "आकाश में उड़ने वाली" जानकर उन्होंने ठान लिया कि वो एक दिन एयरफोर्स जॉइन करेंगी। उन्होंने NCC में हिस्सा लिया और शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए वायुसेना में चयनित हुईं। आज वो अपने परिवार की पहली महिला हैं जिन्होंने सशस्त्र बलों में कदम रखा और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन से उन्होंने हर कठिनाई को पार किया।
व्योमिका सिंह ने जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, और अरुणाचल प्रदेश जैसे कठिन और दुर्गम इलाकों में चेतक और चीता हेलिकॉप्टर्स को सफलतापूर्वक उड़ाया है। नवंबर 2020 में, उन्होंने अरुणाचल में एक महत्वपूर्ण बचाव मिशन का नेतृत्व किया था। यह मिशन पहाड़ी और दुर्गम इलाकों के बीच रात में उड़ान भरते हुए सफलतापूर्वक संपन्न किया गया था। वह 2021 में 21,650 फीट की ऊंचाई पर माउंट मणिरंग पर आयोजित एक त्रि-सेना महिला पर्वतारोहण अभियान का भी हिस्सा रही हैं।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं था, यह एक प्रतीक था, उन महिलाओं का सम्मान, जिन्होंने अपने जीवनसाथी को खो दिया, और उन महिलाओं का गर्व, जो अब देश की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। व्योमिका सिंह जैसे उदाहरण यह सिद्ध करते हैं कि भारतीय महिलाएं सिर्फ घर नहीं, सीमाएं भी संभाल सकती हैं।
Updated on:
08 May 2025 02:59 pm
Published on:
08 May 2025 11:37 am
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