
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत खत्म हो चुकी है। सरकार का दावा है कि अब किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और कोई भी मरीज ऑक्सीजन की कमी से दम नहीं तोड़ेगा। इसकी वजह उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता है। एक ओर योगी सरकार ने ऑक्सीजन उत्पादन के लिए प्रदेश में कई प्लांट शुरू कराये हैं वहीं, केंद्र सरकार ने 'उम्मीदों की रेलगाड़ी' चलाकर ऑक्सीजन की समस्या को लगभग खत्म कर दिया है। भारतीय रेलवे की 'आक्सीजन एक्सप्रेस' ने उत्तर प्रदेश में 1960 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की।
भारतीय रेलवे मुख्य रूप से उन शहरों तक ऑक्सीजन पहुंचाई, जिन्हें इसकी ज्यादा जरूरत थी। इनमें उतर प्रदेश के लखनऊ, बरेली, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, आगरा और गोरखपुर शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 57.15 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति की गयी। इस बात का पूरा प्रयास रखा गया कि हर जरूरतमंद तक आक्सीजन पहुंचे।
खुद मॉनिटरिंग कर रहे सीएम योगी
उतर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद आक्सीजन की आपूर्ति की मानिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे कोविड-19 संक्रमित मरीज जो घरों पर ही आइसोलेशन में हैं उन्हें भी आक्सीजन दी जाये, इस बात का पूरा प्रबंध किया गया है। सरकार द्वारा सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों के अस्पतालों में आक्सीजन पहुंचायी जा रही है। सरकार के इस बड़े प्रयास से प्रदेश में आक्सीजन की किल्लत लगभग खत्म हो गयी है।
'कालाबाजारी करने वाले लोगों में दहशत'
जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार ने आक्सीजन और कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली जरूरी दवाइयों की कालाबाजारी रोकने के भी विशेष रूप से प्रबंध किये हैं। जगह-जगह छापेमारी से कालाबाजारी करने वाले लोगों में दहशत है। प्रदेश में कई जगहों से आक्सीजन के सिलेंडर जब्त किये गये।
Published on:
16 May 2021 05:29 pm
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