
ISI Agent Aftaab
यूपी एटीएस की स्पेशल कोर्ट ने पाकिस्तानी जासूस आफताब को पांच साल की सजा सुनाई है। 3 मई, 2017 में सेना की जासूसी करने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। वह पाकिस्तान के लिए भारतीय सेना की जासूसी कर रहा था। सेना के हर मूवमेंट की जानकारी आईएसआई हैंडलर को देता था। वह दूतावास के जरिये सूचनाएं पहुंचाता था। यही नहीं जिनकी पाकिस्तान में रिश्तेदारियां हैं या जो सांस्कृतिक या धार्मिक रूप से पाकिस्तान से जुड़े हैं उन्हें भी अपने साथ मिलाने का प्रयास कर रहा था। जांच में यह बात भी सामने आई कि आफताब को हवाला के जरिये पाकिस्तान से फंडिंग हो रही थी।
दूतावास अधिकारी के संपर्क में था आफताब
एटीएस की जांच में सामने आई था कि आफताब पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी मेहरबान अली के संपर्क में था। मेहरबान के जरिए वो सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजता था। इसके बदले मेहरबान उसे फंड दिलाता था। इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने मेहरबान को वापस पाकिस्तान भेज दिया था।
दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन से संपर्क
मेहरबान की मदद से 9 मई, 2016 को आफताब अटारी बॉर्डर से कराची गया था। यहां ट्रेनिंग लेने के बाद 28 जून, 2016 को भारत वापस लौटा। वापस आने के बाद दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन से संपर्क किया और लगातार वहीं जुड़ा रहा। यहीं से वह आर्मी बटालियन के हर मूवमेंट उनकी पोस्टिंग, ट्रेन से आने-जाने के समय जैसी सूचनाएं पाकिस्तान भेजता रहा।
अलग-अलग अपराध के लिए सजाएं
Published on:
03 Jul 2022 05:20 pm
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