दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से फार्मा इंडस्ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की लगातार मांग कर रही थी। इसी को देखते हुए शेड्यूल ड्रग्स के लिए कीमतों में 10.7 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की मंजूरी दी गई है। 1 अप्रैल से बुखार, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के उपचार में इस्तेमाल होने वाली करीब 800 दवाओं की कीमत बढ़ जाएगी। वहीं, आम लोगों को कहना है कि सरकार महंगाई पर रोक लगाए। पेट्रोल डीजल और रसोई गैस को लेकर पहले से ही बजट बिगड़ा है। यदि अब दवाइयों की कीमते बढ़ी तो लोगों के बजट पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
ये भी पढ़ें : Up Covid-19 Update : प्रदेश में 500 से कम बचे कोरोना के सक्रिय मामले, जानिए कितने नए मरीज इन दवाओं पर छाई महंगाईकीमत बढ़ने वाली दवाइयों में पैरासिटामोल, फेनोबार्बिटोन, फ़िनाइटोइन सोडियम, एज़िथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाज़ोल जैसी दवाएं शामिल हैं। बता दें कि शुक्रवार को ही एनपीपीए ने को थोक मूल्य सूचकांक में 10.8 फीसदी तक बदलाव की घोषणा की।
फार्मा इंडस्ट्री द्वारा की जा रही थू मांग
कोरोना महामारी के बाद से फार्मा इंडस्ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की लगातार मांग हो रही थी। इसके बाद शेड्यूल ड्रग्स के लिए कीमतों में 10.7 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की मंजूरी दी गई है। शेड्यूल ड्रग्स में आवश्यक दवाएं शामिल होती हैं और इनकी कीमतों पर नियंत्रण होता है। इनके दाम बगैर अनुमति नहीं बढ़ाए जा सकते हैं।
इनके दामों में भी हो सकता है बदलाव पेट्रोल-डीजल के दामों में रोज इजाफा हो रहा है। बता दें अधिकांश शहरों में पेट्रोल पहले से 100 के पार हो चुका है, ऐसे में लगातार हो रही वृद्धि आम आदमी के लिए परेशानी का सबब बन गई है। आगामी दिनों में खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में तेजी आने की भी आशंका है।