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राष्ट्रीय स्मारकों के पास पुराने भवनों की मरम्मत की मिलेगी अनुमति, ये दस्तावेज जरूरी

ASI rules: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की संरक्षित स्मारकों की सौ मीटर परिधि में भी 1992 से पहले बने भवनों की मरम्मत की अब आसानी से अनुमति लोगों को मिलने लगेगी। इससे राज्य भर में संरक्षित स्मारकों के आसपास निवास कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Oct 06, 2024

ASI's Joint DG Nandini Bhattacharya reached Jageshwar Dham

एएसआई की ज्वाइंट डीजी जागेश्वर धाम पहुंचीं

ASI rules: एएसआई संरक्षित स्मारकों की सौ मीटर परिधि में बने प्राचीन भवन खस्ताहाल हो चुके हैं। उन भवनों की छतें टपक रही हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी लोग उन प्राचीन भवनों की मरम्मत नहीं करा पा रहे हैं। इससे लोगों को तमाम कठिनाइयां उठानी पड़ रही हैं। इधर, रविवार को एएसआई दिल्ली की संयुक्त महानिदेशक नंदिनी भट्टाचार्य उत्तराखंड के जागेश्वर धाम पहुंची थी। इस पर तमाम लोग उनसे मुलाकात करने पहुंच गए थे। लोगों ने उन्हें बताया कि उनके प्राचीन भवन अनुमति नहीं मिलने के कारण जर्जर हो चुके हैं। भवनों की छतें टपक रही हैं। इस पर ज्वाइंट डीजी ने बताया कि संरक्षित स्मारकों की सौ मीटर परिधि में भी 1992 से पूर्व बने भवनों की रिपेयरिंग की अनुमति का प्रावधान है।

देना होगा पुराने निर्माण का प्रूफ

संयुक्त निदेशक ने लोगों को बताया कि संरक्षित स्मारकों की सौ मीटर परिधि में 1992 से पहले बने भवनों की मरम्मत का प्रावधान है। लोगों को इस बात का प्रूफ दिखाना होगा कि वाकई उनके मकान वर्ष 1992 से पहले के बने हुए हैं। प्रूफ के तौर पर खतौनी की नकल या राजस्व विभाग की रिपोर्ट भी लगाई जा सकती है। उसके बाद आसानी से राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) से ऑनलाइन आवेदन के जरिए अनुमति हासिल की जा सकती है। लेकिन अधिकांश लोगों को एएसआई के इस नियम की जानकारी नहीं है।

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एएसआई का ये है प्रावधान

एएसआई की संरक्षित स्मारक के सौ मीटर परिधि को निर्माण कार्यों के लिए निषिद्ध घोषित किया गया है। उस सौ मीटर से आगे दो सौ मीटर यानी स्मारक से तीन सौ मीटर की परिधि को प्रतिषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। प्रतिषिद्ध क्षेत्र में निर्माण या नव निर्माण के लिए एनएमए से अनुमति लेने का प्रावधान है। राज्य में संस्कृति सचिव को इसके लिए नोडल नियुक्त किया गया है। लेकिन सौ मीटर की परिधि में अनुमति नहीं होने के कारण राज्य भर के हजारों लोग परेशान हैं।